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एटॉमिक हैबिट्‌स | Atomic Habits By James Clear Book Summary In Hindi

Atomic Habits By James Clear Book Summary In Hindi

एटॉमिक हैबिट्‌स | Atomic Habits By James Clear Book Summary In Hindi
एटॉमिक हैबिट्‌स | Atomic Habits By James Clear Book Summary In Hindi

        💕Hello Friends,आपका स्वागत है www.learningforlife.cc में। लोग सोचते हैं कि जब आप अपने जीवन को बदलना चाहते हैं, तो आपको कुछ बड़ा सोचने की ज़रूरत होती है, लेकिन आदतों के विशेषज्ञ और इस book (Atomic Habits) के Author जेम्स क्लियर ने एक दूसरा तरीक़ा खोज निकाला है। उनका मानना है कि actual change सैकड़ों छोटे-छोटे decisions के एक साथ होने के प्रभाव से आता है। For Example: daily दो पुश-अप करने, पांच मिनट पहले जागने और केवल एक page ज़्यादा पढ़ने जैसी चीजों से, जिन्हें वे एटॉमिक हैबिट्स कहते हैं। इस पोस्ट में कुछ तकनीकें (techniques) बताई जा रही है जिनसे किसी के जीवन में अस्त-व्यस्तता कम हो जाती है और जीवन आसान हो जाता है।

1.छोटी-छोटी आदतों की चमत्कारिक ताक़त (The Surprising Power of Tiny Habits)

        आपके results आपकी आदतों का एक छोटा पैमाना है। आपकी संपत्ति आपकी financial आदतों का एक छोटा पैमाना है। आपका weight आपके खाने की आदतों का एक छोटा पैमाना है। आपकी Knowledge आपकी सीखने की आदतों का एक छोटा पैमाना है। आपकी अव्यवस्था आपकी सफाई की आदतों का एक छोटा पैमाना है। आप वही पाते हैं जिसे आप दोहराते (repeat) हैं। आदतें खुद को सही करने का चक्रवृद्धि ब्याज (compound interest) होती हैं। Daily 1% बेहतर होना लंबे समय में बहुत मायने रखता है। आदतें दोधारी तलवार होती हैं। वे आपके लिए भी काम कर सकती हैं और आपके विरोध (against) में भी काम कर सकती हैं, इसलिए इसे विस्तार से समझ लेना ज़रूरी होता है। छोटे Change अक्सर तब तक कोई difference नहीं बताते हैं, जब तक कि आप किसी अहम मंज़िल तक नहीं पहुंच जाते। यदि आप अच्छे result चाहते हैं, तो goal set करना भूल जाइए। इसकी बजाय अपनी प्रणाली (system) या व्यवस्था पर ध्यान दें। आप अपने goals के स्तर तक ऊँचा नहीं उठते हैं। आप systems के स्तर तक नीचे जाते हैं।

2.आदतें किस तरह आपकी पहचान बनाती हैं (और इसके विपरीत) [How Your Habits Shape Your Identity (and Vice Versa)]

        तीन स्तरों पर बदलाव होता है : परिणाम आधारित बदलाव (a change in your outcomes), प्रक्रिया में बदलाव (a change in your processes) और पहचान में बदलाव (a change in your identity)। परिणाम इस बारे में हैं कि आपको क्या मिलता है। प्रक्रियाएं इस बारे में हैं कि आप क्या करते हैं। पहचान इस बारे में है कि आप क्या मानते हैं। अपनी आदतों को बदलने का सबसे प्रभावी तरीक़ा इस बात पर फ़ोकस करना नहीं है कि आप क्या हासिल करना चाहते हैं, बल्कि इस बात पर फ़ोकस करना है कि आप क्या बनना चाहते हैं। आपकी आदतों से ही आपकी पहचान बनती है। हर गतिविधि (activity) एक प्रकार से उस व्यक्ति जैसा बनने के लिए एक वोट के समान होती है, जैसा बनने की आपकी इच्छा होती है। खुद का best version बनने के लिए आपको अपने beliefs को लगातार edit करना होगा और अपनी पहचान को upgrade and expand करना होगा।

3.4 सरल तरीक़ों से बेहतर आदतें कैसे बनाएँ (How to Build Better Habits in 4 Simple Steps)

        आदत वह व्यवहार है, जिसे कई बार repeat किया गया है, जिसके चलते वह अपने आप होती है। आदतों का ultimate purpose life की problems को solve करना होता है, जिसमें कम से कम ऊर्जा और प्रयास (energy and effort) करने पड़े। किसी भी आदत को फीडबैक लूप में बाँटा जा सकता है, जिसमें चार क़दम होते हैं : संकेत, ललक, प्रतिसाद और पुरस्कार (cue, craving, response, and reward)।

        व्यवहार बदलने के चार नियम हैं, जिन्हें हम अच्छी आदतों को बनाने के लिए use कर सकते हैं।
  1. इसे स्पष्ट बनाएँ। यानि मैं इसे कैसे स्पष्ट कर सकता हूं?
  2. इसे आकर्षक बनाएँ। यानि मैं इसे आकर्षक कैसे बना सकता हूं?
  3. इसे आसान बनाएँ। यानि मैं इसे कैसे आसान बना सकता हूं?
  4. इसे संतोषप्रद बनाएँ। यानि मैं इसे कैसे संतुष्ट कर सकता हूं?

4.वह व्यक्ति जो सही नहीं दिखता था (The Man Who Didn’t Look Right)

        यदि आपको किसी ख़ास आदत का मूल्यांकन करने में कठिनाई हो रही है, तो अपने आप से पूछें: 'क्या यह व्यवहार मुझे उस प्रकार का व्यक्ति बनने में help करता है जो मैं बनना चाहता हूं? क्या यह आदत मेरी इच्छुक पहचान के पक्ष या विपक्ष (for or against) में वोट करती है? जरुरी practice से आपका mind उन संकेतों को पकड़ लेगा, जो बिना लगातार सोचे निश्चित results का prediction देते हैं। एक बार जब हमारी आदत automatic हो जाती है, तो हम उस पर ध्यान नहीं देते कि हम क्या कर रहे हैं? जागरूकता (awareness) के साथ ही व्यवहार बदलने की प्रक्रिया शुरू होती है। बदलने से पहले आपको अपनी आदतों के प्रति जागरूक रहना होगा। हैबिट्स स्कोर कार्ड एक सरल तरीक़ा है, जिससे आप अपने व्यवहार के लिए ज्यादा जागरूक हो सकते हैं।

5.नई आदत शुरू करने का श्रेष्ठतम तरीक़ा (The Best Way to Start a New Habit)

        व्यवहार बदलने का पहला नियम है इसे स्पष्ट बनाएँ। बहुत से लोग सोचते हैं कि उनमें motivation की कमी है, जबकि उनके पास वास्तव में स्पष्टता की कमी है। एक नई आदत बनाने के सबसे अच्छे तरीकों में से एक यह है कि आप एक मौजूदा आदत की पहचान करें जो आप पहले से ही हर दिन करते हैं और फिर अपने नए व्यवहार को उससे ऊपर रखें। इसे habit stacking कहा जाता है। Habit stacking का फॉर्मूला है: इस (वर्तमान आदत) के बाद मुझे यह (नई आदत) करना है।

        अमल में लेने की मंशा तैयार करना ऐसी रणनीति है, जिसका use आप नई आदत को किसी विशेष समय और जगह के साथ जोड़ने में कर सकते हैं। अमल में लेने की मंशा का फॉर्मूला है : मैं अपना (व्यवहार) सही (समय) और सही (स्थान) पर करूँगा।

6.प्रेरणा का अधिक मूल्यांकन; माहौल का महत्त्व अक्सर अधिक होता है (Motivation is Overrated; Environment Often Matters More)

        संदर्भ (context) [वह स्थिति जिसमें कुछ होता है या जिसके कारण कुछ होता है] में मामूली changes से समय के साथ व्यवहार में भी बड़े Change आते हैं। हर आदत एक संकेत से शुरू होती है। हम ज़्यादातर उन संकेतों को समझते हैं, जो सामने हों। अपने वातावरण में अच्छी आदतों के संकेत स्पष्ट रूप से बनाएँ। धीरे-धीरे आपकी आदतें किसी एक लक्षण से जुड़ी नहीं रहती हैं, बल्कि व्यवहार के आस-पास के वातावरण के संदर्भ से संबंधित रहती हैं। संदर्भ ही संकेत हो जाता है। नई आदतों को नए वातावरण में बना लेना आसान रहता है, क्योंकि आप पुराने संकेतों के ख़िलाफ़ नहीं लड़ रहे होते हैं।

7.आत्मनियंत्रण का राज़ (The Secret to Self-Control)

        व्यवहार में बदलाव के पहले नियम के opposite नियम है - इसे अदृश्य बनाएँ। एक बार आदत बन जाती है, तो उसे भूल पाना मुश्किल हो जाता है। जिन लोगों के पास ज्यादा Self-Control रहता है, वे झुकाव या आकर्षण (tempting) वाली situations में कम ही समय लगाते हैं। झुकाव या आकर्षण को रोकने की बजाय, उसकी अनदेखी करना ज़्यादा सरल है। बुरी आदत को ख़तम करने का सबसे practical तरीक़ा - उस संकेत के पास जाना कम करना है, जो उस आदत का कारण है। Self-Control short term रणनीति है, long term नहीं।

8 आदत को अनिवार्य कैसे बनाएँ (How to Make a Habit Irresistible)

        व्यवहार में बदलाव का दूसरा नियम है - इसे आकर्षक बनाएँ। जितना आकर्षक अवसर होगा, उतना ज्यादा इसकी आदत बनती जाएगी। आदतें dopamine से चलने वाली फीडबैक लूप हैं। जब dopamine बढ़ता है, तो हमारी motivational शक्ति बढ़ती है। यह पुरस्कार की संभावना है - उसकी पूर्ति नहीं - जो हमें काम करने के लिए motivate करती है। जितनी अधिक संभावना होगी, dopamine का उछाल उतना ही ज्यादा होगा। झुकाव या आकर्षण (tempting) बनाना आदतों को ज़्यादा आकर्षक बनाने का एक उपाय है। जो आप करना चाहते हैं, उसे आप अपनी आवश्यकता के साथ जोड़ दें, यही रणनीति है।

9.आपकी आदतों को आकार देने में परिवार और मित्रों की भूमिका (The Role of Family and Friends in Shaping Your Habits)

        जिस Culture में हम रहते हैं, वह निर्धारित करता है कि कौनसा व्यवहार हमारे लिए आकर्षक रहेगा। हमारे Culture की ऐसी आदतें, जिनकी प्रंशसा की जाती है और जिन पर सबकी सहमति होती है, हम उन्हें ही अपनाने लगते हैं, क्योंकि हमे समाज में फिट होने और उससे संबंध रखने की बहुत ज्यादा इच्छा होती है। हम तीन सामाजिक समूहों की आदतों को follow करते हैं : क़रीबी लोग (परिवार एवं मित्र), अनेक लोग (यानी समूह या जाति) और प्रभावशाली लोग (सामाजिक रूप से श्रेष्ठ व प्रतिष्ठित)। बेहतर आदतों को बनाने के प्रभावी तरीक़ों में से एक यह है कि हम ऐसे Culture से जुड़ जाएँ, जहाँ (1) आपको अच्छा लगने वाला व्यवहार normal व्यवहार हो और (2) समूह के साथ आप में पहले से कुछ common हों। एक समूह या जाति का normal व्यवहार कई बार किसी के इच्छित व्यवहार पर हावी हो जाता है। भले ही हम सही हों, लेकिन भीड़ के विचारो को follow करके ज्यादातर समय हम ग़लत हो जाते हैं। यदि किसी व्यवहार को स्वीकृति (approval), सम्मान और प्रशंसा मिलती है, तो वह हमें आकर्षक लगता है।

10.ख़राब आदतों के कारण जानकर उन्हें कैसे ठीक करें (How to Find and Fix The Cause of Your Bad Habits)

        व्यवहार में बदलाव के दूसरे नियम के विपरीत है इसे अनाकर्षक (unattractive) बनाएँ। हर व्यवहार में सतह पर ललक (surface level craving) और गहराई में प्रेरणा निहित (a deeper underlying motive) होती है। आदतें पुरानी इच्छाओं का modern solution हैं। आदतों का असली कारण prediction है, जो उनसे पहले होता है। यही prediction feeling की ओर ले जाते हैं। बुरी आदतों को छोड़ने के Benefits को Highlight करें, ताकि ऐसी आदतों को अनाकर्षक (unattractive) बना सकें। जब हम positive feelings से किसी आदत को जोड़ते हैं, तो आदतें आकर्षक (attractive) रहती हैं और जब हम negative feelings से जुड़ते हैं, तो यह आकर्षक नहीं लगतीं। किसी कठिन आदत के तुरंत पहले कोई ऐसी motivation ritual कर लें, जिसमें आप प्रसन्नता महसूस करते हैं।

11.धीमे चलें, लेकिन पिछड़ें नहीं (Walk Slowly, But Never Backward)

        व्यवहार में बदलाव का तीसरा नियम है - इसे आसान बनाएँ। सीखने का सबसे प्रभावी उपाय - योजना बनाना नहीं, बल्कि अभ्यास करना है। काम की क्रिया पर ध्यान दें, न कि सिर्फ़ हरक़त पर। आदत निर्माण वह प्रक्रिया है, जिसमें व्यवहार अभ्यास के कारण धीरे-धीरे ज़्यादा स्वचालित होने लगता है। जितने समय आप आदत को कर रहे हैं, वह अहम नहीं है। कितनी बार कर रहे हैं, यह महत्त्व रखता है।

12.कम से कम प्रयास का नियम (The Law of Least Effort)

        मनुष्य का व्यवहार लॉ ऑफ़ लीस्ट एफर्ट पर चलता है। हम स्वाभाविक रूप से उस विकल्प की ओर बढ़ते हैं, जिसमें काम की कम मात्रा की ज़रूरत होती है। ऐसा माहौल बनाएँ, जहाँ सही चीज़ों को करना जितना संभव हो, उतना आसान हो। अच्छी आदतों के अवरोधों को कम करें। जहाँ अवरोध कम होंगे, आदतें आसान होंगी। ख़राब आदतों के अवरोधों को बढ़ा दें। जब अवरोध ज़्यादा होंगे, तो आदतें कठिन होंगी। भावी कामों को आसान करने के लिए अपना माहौल सुधार लें।

13.टालने की आदत को दो मिनट के नियम से कैसे रोकें (How to Stop Procrastinating by Using the Two-Minute Rule)

        आदतों को कुछ क्षणों में पूरा कर सकते हैं, लेकिन इसका व्यवहार पर प्रभाव मिनटों या घंटों रहता है। निर्णायक क्षणों में कई आदतें सामने आती हैं। ये विकल्प सड़क पर दो रास्तों के जैसे हैं। ये या तो आपको उत्पादक दिन की ओर या अनुत्पादक दिन की ओर ले जा सकते हैं। दो मिनट का नियम बताता है, ‘जब आप नई आदत शुरू करते हैं, तो इसे करने में आपको दो मिनट से कम का समय लगना चाहिए।’ किसी प्रक्रिया की शुरुआत को आप जितना अधिक रस्मी बना देंगे, तो इस बात की संभावना ज़्यादा है कि आप गहन एकाग्रता की अवस्था में चले जाएँगे, जो बड़ी चीज़ों को करने के लिए आवश्यक है। सटीकता से पहले मानक तैयार करें। जो आदत अस्तित्व में नहीं है, उसको आप सुधार नहीं सकते।

14.अच्छी आदतों को अनिवार्य और बुरी आदतों को असंभव कैसे बनाएँ (How to Make Good Habits Inevitable and Bad Habits Impossible)

        व्यवहार बदलने के तीसरे नियम का उलट है, इसे कठिन बनाएँ। प्रतिबद्धता का उपाय एक विकल्प है, जिसे वर्तमान में अपनाया जाए, तो भविष्य में बेहतर व्यवहार सुनिश्चित होगा। भावी व्यवहार को सुनिश्चित करने का सर्वश्रेष्ठ उपाय यह है कि आपकी आदतों को स्वचालित किया जाए। एक बार के विकल्प, जैसे बेहतर मेट्रेस ख़रीदना, ऑटोमेटिक सेविंग प्लान में पंजीयन कराना आदि एक बार के कार्य हैं, जो आपकी भावी आदतों को स्वचालित रूप से होने देते हैं और समय पर बढ़ा हुआ प्रतिफल देने लगते हैं। अपनी आदतों को स्वचालित बनाने के लिए तकनीक का उपयोग करना सही व्यवहार की गारंटी का सबसे विश्वसनीय और प्रभावी तरीक़ा है।

15.व्यवहार बदलने का आधारभूत नियम (The Cardinal Rule of Behavior Change)

        व्यवहार में बदलाव का चौथा नियम है - इसे संतोषप्रद बनाएँ। जब भी अनुभव संतोषप्रद रहता है, तो हम उस व्यवहार को दोहराना चाहते हैं। मनुष्य का दिमाग़ देर से मिलने वाले पुरस्कार की बजाय तात्कालिक पुरस्कारों को वरीयता देने के हिसाब से विकसित हुआ है। व्यवहार में परिवर्तन का आधारभूत नियम : जो भी तत्काल मिल रहा है, वह दोहराया जाता है, जिसमें तत्काल में कुछ नुक़सान है, तो उसकी अनदेखी होती है। यदि किसी आदत को बनाए रखना है, तो आपको तत्काल कुछ सफलता चाहिए, भले ही वह मामूली हो।

        व्यवहार में बदलाव के पहले तीन नियम हैं - इसे स्पष्ट बनाएँ, इसे आकर्षक बनाएँ और इसे आसान बनाएँ। इनसे इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि कोई व्यवहार इस बार अपनाया ही जाएगा। व्यवहार में बदलाव का चौथा नियम है - इसे संतोषप्रद बनाएँ, जिससे इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि यह व्यवहार अगली बार दोहराया जाएगा।

16.हर दिन अच्छी आदतों से कैसे जुड़े रहें (How to Stick with Good Habits Every Day)

        सबसे ज़्यादा संतुष्टि का अनुभव तब होता है, जब आप प्रगति को महसूस करते हैं। आदत को ट्रैक करना यह मापने का सरल तरीक़ा है कि क्या आपकी कोई आदत बनी है। जैसे - कलैंडर पर क्रॉस का निशान बनाना। हैबिट ट्रैकिंग और माप के अन्य देखे जाने योग्य रूप, आपकी प्रगति के स्पष्ट साक्ष्य देकर आपकी आदत को संतोषप्रद बना सकते हैं। कड़ी को कभी नहीं तोड़ें। अपनी आदत की रेखा को जीवित रखें। दोबारा करने से कभी चूकिए मत। यदि आप एक दिन चूक जाते हैं, तो जितनी जल्द संभव हो सके, पटरी पर आ जाएँ। सिर्फ़ इसलिए कोई चीज़ महत्त्वपूर्ण नहीं हो जाती कि आप उसका मापन कर सकते हैं।

17.किस तरह एक जवाबदेह भागीदारी हर चीज़ को बदल सकती है (How an Accountability Partner Changes Everything)

        व्यवहार में परिवर्तन के नियम चार का उलटा है - इसे असंतोषजनक बनाएँ। यदि कोई बुरी आदत पीड़ादायक या असंतोषजनक है, तो हम उसे दोहराएँगे, इसकी संभावना कम ही होती है। एक जवाबदेही भागीदार, निष्क्रियता की तात्कालिक क़ीमत पैदा कर सकता है। हम इस बात की गहराई से परवाह करते हैं कि दूसरे हमारे बारे में क्या सोचते हैं और हम नहीं चाहते कि दूसरे हमारे बारे में प्रतिकूल राय रखें। आदत के अनुबंध को किसी भी व्यवहार में सामाजिक क़ीमत को जोड़ने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। यह वादां का उल्लंघन करने की क़ीमत को पीड़ादायक और सार्वजनिक बना देता है। यह जानना कि कोई अन्य आपको देख रहा है, एक शक्तिशाली प्रेरक हो सकता है।

18.प्रतिभा के बारे में सच (कब जीन्स मायने रखते हैं और कब वे मायने नहीं रखते) [The Truth About Talent (When Genes Matter and When They Don’t)]

        सफलता की संभावनाओं को अधिकतम करने की कुंजी है, प्रतिस्पर्धा के लिए सही क्षेत्र का चयन। सही आदत अपनाएँगे, तो विकास आसान रहेगा। ख़राब आदत पर जीवन संघर्षमय होगा। जीन्स को आसानी से बदल नहीं सकते, इसका अर्थ है कि अनुकूल स्थितियों में वे ज़ोरदार लाभ देते हैं और विपरीत स्थितियों में वे गंभीर नुक़सान करते हैं। आदतें तब आसान रहती हैं, जब वे आपकी प्राकृतिक क्षमताओं से जुड़ती हुई होती हैं। आपके अनुकूल श्रेष्ठ आदतों को चुनें। ऐसा खेल खेलिए, जो आपके सामर्थ्य के अनुसार हो। यदि कोई खेल नहीं चुन सकते, तो नया खेल बनाएँ। जीन्स कड़ी मेहनत की ज़रूरत को ख़त्म नहीं कर सकते। वे इसे स्पष्ट करते हैं। वे बताते हैं कि किस पर कड़ी मेहनत करनी चाहिए।

19.गोल्डीलॉक्स का नियम : किस प्रकार जीवन और कार्य में प्रेरित रहें (The Goldilocks Rule—How to Stay Motivated in Life and Work)

        गोल्डीलॉक्स का नियम कहता है कि मानव उच्चतम प्रेरणा तब अनुभव करता है, जब वह ऐसे कार्य कर रहा होता है, जो उसकी वर्तमान क्षमताओं की सीमा में हों। सफलता में सबसे बड़ा ख़तरा असफलता नहीं, बल्कि ऊब जाना है। जब आदतें रूटीन बन जाती हैं, तो वे कम रुचिकर हो जाती हैं और कम संतोष देने लगती हैं। हम ऊब अनुभव करने लगते हैं। प्रेरणा का अनुभव होने पर कोई भी कड़ी मेहनत कर सकता है, लेकिन कार्य के उत्साहजनक नहीं होने पर भी लगातार मेहनत करने की क्षमता से ही वास्तविक अंतर पड़ता है। प्रोफ़ेशनल्स समय-सारिणी से बँधे होते हैं, लेकिन शौकीन लोग जीवन को बीच में आने देते हैं।

20.अच्छी आदतों को बनाने का कमज़ोर पक्ष (The Downside of Creating Good Habits)

        आदतों का लाभ यह होता है कि हम चीज़ों को बिना सोचे कर सकते हैं। कमज़ोरी यह होती है कि हम छोटी ग़लतियों पर ध्यान नहीं देते हैं। आदत + सुविचारित अभ्यास = महारत। प्रतिबिंब और समीक्षा वह प्रक्रिया है, जो आपको प्रदर्शन के लिए सचेत रखती है। जितना अधिक किसी पहचान से चिपके रहेंगे, आगे बढ़ना उतना ही मुश्किल हो जाएगा।

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