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दौलत के नियम | The Rules of Wealth by Richard Templar Book Summary in Hindi

Daulat Ke Niyam | The Rules of Wealth by Richard Templar Book Summary in Hindi 


दौलत के नियम | Daulat Ke Niyam | The Rules of Wealth by Richard Templar Book Summary in Hindi
दौलत के नियम | The Rules of Wealth by Richard Templar Book Summary in Hindi

        💕Hello Friends,आपका स्वागत है www.learningforlife.cc में। पैसा दुनिया को चलाता और घुमाता है। हम सभी मन ही मन यक़ीन करते हैं कि यह हमें सुखी बना सकता है। आख़िर, इतनी दौलत कौन नहीं चाहेगा कि पैसे की चिंता न करनी पड़े? इतनी दौलत कि आप अपने सपनों का आलीशान मकान या बेहतरीन कार ख़रीद सकें -या बस इतनी कि आपको यह सोचना न पड़े कि आप कितना ख़र्च कर रहे हैं? सवाल यह है कि दौलतमंद लोग अमीर कैसे बनते हैं? क्या यह किस्मत की बात है? या फिर वे कोई ऐसी बात जानते हैं, जो हम नहीं जानते हैं? हाँ, वे ऐसी ही बात जानते हैं। वे दौलत के नियम जानते हैं। कुछ नियम इस पोस्ट में "Daulat Ke Niyam | The Rules of Wealth" by Richard Templar Book से दिए जा रहे है।  

Part I - दौलत के बारे में सोचना

        धन एक विचार है। आप हक़ीक़त में इसे देख या छू नहीं सकते हैं। आप बस इसके किसी भौतिक प्रतीक को देख या छू सकते हैं, जैसे नोट या चेक। कहने को तो ये सिर्फ़ काग़ज़ के टुकड़े हैं, लेकिन बहुत शक्तिशाली हैं। धन के बारे में हममें से ज़्यादातर लोगों की अपनी-अपनी राय होती है, जैसे यह अच्छा या बुरा है, इसकी इच्छा अच्छी या बुरी है, इसका प्रेम अच्छा या बुरा है, इसे ख़र्च करना अच्छा या बुरा है। आपको गहराई से यह भी जानना होगा कि आप क्या चाहते हैं और क्यों चाहते हैं, आप इसे कैसे पाने वाले हैं, इसे पाने के बाद आप इससे क्या करने वाले हैं। 

नियम 1. कोई भी पैसे कमा सकता है धन भेदभाव नहीं करता है

        धन के बारे में एक बहुत प्यारी बात यह है कि यह सचमुच किसी से भेदभाव नहीं करता है। इसे इस बात की परवाह नहीं होती है कि आपका रंग या जाति क्या है, आप किस वर्ग के हैं, आपके माता-पिता क्या करते थे, या आपकी अपने बारे में क्या राय है। इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता है कि बीते कल में आपने क्या किया था। हर दिन नया होता है। आपके पास भी बाक़ी लोगों जितने ही अधिकार और अवसर होते हैं। आप दौलत के भंडार में से जितना चाहें, उतना ले सकते हैं। आपको जो इकलौती चीज़ रोके रखती है, वह आप खुद हैं और धन के बारे में आपकी झूठी धारणाएँ। आपके पास भी बाक़ी लोगों जितने ही अधिकार और अवसर होते है।

नियम 2. दौलत की अपनी परिभाषा तय करें

        आपके लिए दौलत क्या है? अगर आप दौलतमंद बनने जा रहे हैं, तो सबसे पहले तो आपको इस question का answer ढूढ़ लेना चाहिए। दौलतमंद लोग हमेशा शुरू करने से पहले ही दौलत की परिभाषा तय कर लेते हैं। उन्हें अच्छी तरह पता होता है कि उनकी नज़र में दौलत के मायने क्या हैं।

नियम 3. इसे गोपनीय रखें

        अब आप एक नए सफ़र, एक नई दिशा में चल पड़े हैं। इस बात को गोपनीय रखना ही सबसे अच्छा रहेगा। एक समय आएगा, जब आपको इस काम के सिलसिले में धन के मार्गदर्शकों से सलाह लेने की ज़रूरत होगी, लेकिन इस वक्त इस बात का प्रचार-प्रसार न करें कि आप क्या कर रहे हैं।

        अगर आप इस बात का प्रचार करने लगेंगे कि आप क्या कर रहे हैं, तो आपके आस-पास के लोग आपसे जलने लगेंगे और आपको रोकने के लिए एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा देंगे। आख़िरकार, आप एक तरह से उन्हें अलविदा कह रहे हैं। आप एक तरह से यह ऐलान कर रहे हैं कि आपका पुराना स्वरूप या जीवनशैली अच्छी नहीं है और आप नए मैदानों की तलाश में जा रहे हैं। ज़ाहिर है, वे इससे खुश नहीं होंगे। तो इसे गोपनीय रखें। इसमें आपका एक धेला खर्च नहीं होता है और आपको कुछ करने की ज़रूरत भी नहीं होती है।

नियम 4. यह समझ लें कि दौलत परिणाम है, पुरस्कार नहीं

        अगर आप पैसे बनाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, तो आपके अमीर बनने की ज़्यादा संभावना है। आपको यह मानना होगा कि पैसा वह पारिश्रमिक (wages) है, जो आपको चतुराई भरी सोच और कड़ी मेहनत के लिए दिया जाता है। आपको यह पैसा कोई कमेटी नहीं देती है, जो यह जाँच करती हो कि आप इसके हक़दार हैं या नहीं, इसके क़ाबिल हैं या नहीं। यह तो आपकी मेहनत का परिणाम या फल है।

नियम 5. दूसरों की दौलत से न जलें

        हम सभी अपने लक्ष्य तय करते हैं। हम सभी की personal महत्वाकांक्षाएँ होती हैं। हम सभी यह तय करते हैं कि दौलतमंद बनने के इस काम में हम कितनी मेहनत करने के लिए तैयार हैं। हम सभी अपनी सीमाएँ निर्धारित कर लेते हैं। हम यह जानते हैं कि हम क्या करने के लिए तैयार हैं और क्या करने के लिए तैयार नहीं हैं। तो फिर किसी दूसरे की दौलत से जलने की बात ही क्या है? तब तक नहीं, जब तक आप यह न जानते हों कि उस व्यक्ति का एजेंडा क्या था और क्या है। तब तक नहीं, जब तक आप यह न जानते हों कि वह कितनी मेहनत करने के लिए तैयार था। तब तक नहीं, जब तक आप यह न जानते हों कि वह कितना त्याग करने के लिए तैयार था।

        ज़ाहिर है, आप तीन श्रेणी के अमीरों से आसानी से जल सकते हैं - लॉटरी, विरासत, अमीर व्यक्ति की पति/पत्नी (या तलाक़शुदा!) - हम सभी ऐसा करते हैं। लेकिन जिस व्यक्ति ने अपनी मेहनत से पैसा बनाया है, वह पूरी तरह से इसका मालिक भी है और हक़दार भी है। उन्होंने काम किया था। उनके पास विचार था, उद्यमी भावना थी। वे हमसे ज़्यादा जल्दी जागते थे और देर से सोते थे, वे अपने लक्ष्य को लेकर हमसे ज़्यादा प्रेरित या जोशीले थे। उनसे ईर्ष्या करना बेमानी है; उनसे सीखना अमूल्य है।

Part II - दौलतमंद बनना

        दौलतमंद होने का अर्थ है अपनी स्थिति पर एक कठोर नज़र डालना और धन के रास्ते पर चलने का संकल्प लेना। दौलतमंद बनने के कई नियम व्यावहारिक हैं और अपना व्यवहार बदलना कभी भी आसान नहीं होता। कुछ नियम सरल लग सकते हैं और तभी खुद से यह पूछा जाना चाहिए कि "हो सकता है कि मुझे यह पहले से ही पता हो - लेकिन क्या मैं इसे अपने जीवन में लागू करता हूं?"

नियम 1 – आपके पास योजना होनी ही चाहिए

        जब तक हम यह नहीं जानते कि हम कहां हैं, तब तक हम योजना नहीं बना सकते कि हम अपनी मंजिल तक कैसे पहुंचेंगे। यह विशेष रूप से शर्मनाक है जब हमारे पास पैसे की तंगी हो। फिर भी हमें इसका सामना करना चाहिए, इसे अपनाना चाहिए और इसे कागज पर उतारना चाहिए।

नियम 2 – दौलतमंद बनने की शुरुआत के लिए कभी देर नहीं होती है

        यह उन सभी को आशा देता है जिन्होंने अपने twenties, thirties में luxury चीजों के लिए पैसे उड़ाए है यह सोचकर कि उनके पास बचत करने, निवेश करने के लिए पर्याप्त समय है। जैसा कि यह नियम कहता है कि एक बार जब आप जान जाते हैं और अपना मन बना लेते हैं, आप अपनी योजना पर काम कर सकते हैं और धन के अपने रास्ते पर आगे बड़ सकते हैं। हालांकि जल्दी शुरुआत करने का कंपाउंडिंग का अपना फायदा है, कोई कभी दौलतमंद बन सकता है बस जाग कर सुरु करना है।

नियम 3 – कर्ज को संघटित (combine) करने पर विचार करे (Consider Consolidating Debts)

         Richard कर्ज न लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, हालांकि हम केवल मनुष्य हैं और हम सभी के पास उपभोक्ता कर्ज हैं, जितना हम भुगतान कर सकते हैं उससे अधिक खर्च करते हैं और कर्ज में पड़ जाते हैं। कर्ज को संघटित करने से अधिक पैसा बचाने और साथ ही हमें हर कीमत पर फिर से वही कर्ज लेने से बचना चाहिए।

नियम 4 – नौकरी करने में इतने व्यस्त न हो जाएं कि पैसे बनाना भूल जाएं

        Richard सुझाव देते हैं कि यदि आप अपने primary work से अपने financial goals को पूरा नहीं कर पा रहे हैं और आपके पास काम से हट कर जीवन जीने का time नहीं है, तो आपको इस बात पर विचार करना चाहिए कि आप पैसे कैसे कमाते हैं। आपको दूसरा काम या अपनी hobbies या किसी skills को पैसा बनाने के project में बदलने पर विचार करना चाहिए।

Part III - और ज्यादा दौलतमंद बनना

        जैसा कि कहा जाता है, जब आपके पास थोड़ा पैसा होता है, तो सब कुछ थोड़ा आसान हो जाता है। पैसे से पैसा बनता है। लेकिन, एक बार जब आप prosperity की ओर बढ़ना शुरू कर देते है, तो आराम से बैठ कर अपनी दौलत को गिनना अच्छा विचार नहीं है। इस तरह आपकी दौलत बहुत तेजी से गयाब हो जाएगी।

नियम 1 – धन संबंधी मार्गदर्शक बनाए

         आप किसी भी प्रयास में केवल एक सीमा तक ही पहुंच सकते हैं और अमीर होना कोई अलग बात नहीं है। यदि आप दौलतमंद बनना चाहते हैं, तो आपको guide करने के लिए mentors का होना जरूरी है। जैसे-जैसे आप बड़े लक्ष्य set करते हैं, और आपकी संपत्ति बढ़ती है, आपको दौलतमंद बने रहने के लिए अधिक मार्गदर्शन की जरूरत होगी।

नियम 2 – खुद को जाने - एकल, युगल या टीम खिलाडी (Know Yourself—Solo, Duo, or Team Player)

        यह विशेष रूप से तब लागू होता है जब आप अपनी पसंद का काम चुनते है और अपने दम पर शुरू करते हैं।  अकेले, एक साथी के साथ या कई लोगों की टीम में काम करने की आपकी प्राथमिकताओं के आधार पर, आप एक प्रोजेक्ट चुन सकते हैं ताकि आप जो करते हैं उससे प्यार कर सकें और जिस तरह से आप चाहते हैं उसे उस तरह से कर सकें।

नियम 3 – बहुत जल्दी अमीर बनने की कोशिश न करे

        अमीरी का कोई shortcut नहीं होता है। अमीर बनना एक process है, उस धन को बनाए रखने के लिए परिपक्वता और ज्ञान प्राप्त करना भी एक process है, जिसे हम समय और अनुभव के साथ ही सीखते हैं।

Part IV - दौलतमंद बने रहना

जैसा कि वे कहते हैं, अमीर होना एक खेल है, अमीर बने रहना दूसरा। हालाँकि धन के लिए काम करने से हमें कुछ ज्ञान मिलता है, फिर भी ऐसी बहुत सी चीज़ें हैं जो आपको आश्चर्यचकित करती हैं कि आप अपने धन का प्रबंधन कैसे करते हैं।

नियम 1 – आमदनी होने से पहले ही खर्च न करने लगे

        यह वास्तव में सरल है, फिर भी हम अक्सर इसे भूल जाते हैं। हम भविष्य की आय या विकास से पहले अपने खर्चों में वृद्धि करते हैं।

नियम 2 – यह जान ले कि कब रुकना है 

        जैसे-जैसे हम एक ऐसे स्तर पर पहुँचते हैं जहाँ हमारे पास दौलत होती है और यह लगातार संतोषजनक दर से बढ़ती है, तब हमें रुकना चाहिए और जीवन के अन्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए या कम से कम जीवन में अन्य चीजों को प्राथमिकता देनी चाहिए। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है हमारी प्राथमिकता बदलती है और दौलत  होने से आसानी से विकल्प चुनने की सुविधा मिलती है।

Part V – अपनी दौलत दान करना

किसी ने खूब कहा है - "यदि आपके पास ज्यादा है, तो अपने धन से दान दे; यदि आपके पास थोड़ा है, तो अपना दिल दें।" मैं यहाँ अच्छाई की बात नहीं कर रहा हूँ। मैं sharing के बारे में बात कर रहा हूं क्योंकि sharing एक अच्छा काम है। 

नियम 1 – अपनी दौलत का समझदारी से इस्तेमाल करे

        Richard हमे अपने धन का बुद्धिमानी से उपयोग करने का सुझाव देते हैं। जैसे-जैसे हम अमीर होते जाते हैं, हमेशा ऐसे लोग होते हैं जिनकी हम मदद कर सकते हैं। यदि आपने अपने आंतरिक मन का उपयोग करके अपने लक्ष्य निर्धारित किए हैं, तो आपको अपने धन को अच्छे कारण के लिए विभाजित करने में कठिनाई नहीं होगी।

नियम 2 – जान ले कि कब/कैसे नहीं और हाँ कहना है

        जैसे-जैसे आप अमीर होते जाते हैं, कुछ लोगो होते हैं जिनकी आपसे help, loans या charity की expectations होती है। आपको पता होना चाहिए और कुछ नियम निर्धारित करने चाहिए ताकि यदि आप किसी के अनुरोध से सहमत नहीं हैं तो ना कहने में संकोच नहीं करना चाहिए। The Art of Saying NO book का use करके शिखे शालीनतापूर्वक ना कहना। 

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