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25 तरिके जिससे लोग आपको पसंद करने लगेंगे | Jeet Ya Haar Raho Taiyar by Ujjwal Patni in Hindi

 25 Ways to Make People Love You in Hindi | 25 तरिके जिससे लोग आपको पसंद करने लगेंगे

25 Ways to Make People Love You in Hindi
25 Ways to Make People Love You | Jeet Ya Haar Raho Taiyar by Ujjwal Patni in Hindi

        💕Hello Friends,आपका स्वागत है www.learningforlife.cc में। व्यक्तिगत जीवन में लोग आपको पसंद करे यह जरूरी है तभी आपके परिवार के सदस्य, मित्र तथा सहकर्मी आप पर विश्वास करेंगे। यह आपके व्यक्तिगत तथा सामाजिक तरक्की में अहम् भूमिका निभाती है। यदि लोग आपको पसंद करते है, तो आपको ज्यादा अवसर मिलते है, दूसरे आपके साथ काम करना चाहते है, आपको अपनी टीम का हिस्सा बनाना चाहते है और आपकी टीम का हिस्सा बनना चाहते है।

        कहने का सार यह है कि जीवन में चाहे आप जीत रहे हो या हार रहे हो, आपको अपनी छवि, अपनी गरिमा और अपने चरित्र को बनाए रखना होगा क्योंकि इन्हें खोने में चंद मिनट लगते है और पाने में उम्र गुजर जाती है। इस पोस्ट में 25 तरिके दिए जा रहे जो आपकी अच्छी छवि वनाने में मदद करेंगे जिससे लोग आपको पसंद करने लगेंगे।

1. कमजोरियाँ नहीं खूबियाँ गिनाईए

        अपनी वास्तविक कमजोरियों की चर्चा दूसरों के सामने ना करें। इन कमजोरियों का फायदा उठाकर दूसरे दुष्प्रचार करेंगे और आपके ऊपर हावी हो जाएंगे। कमजोरियों का रोना रोने से किसी को कोई फायदा नहीं होता। बुद्धिमानी यह होगी कि आप हिम्मत हारने की बजाय उन पर व्यक्तिगत रूप से कार्य करें और विजय पाएं। ईश्वर ने सबको कमियों और खूबियों के साथ संसार में भेजा है। अपनी खूबियों को पहचानकर उनका इस्तमाल कीजिए।

2. भड़ास मत निकालिए

        यदि आपको कोई बात बुरी लग रही हो लेकिन आपको मालूम है कि आपके कहने से कुछ नहीं बदलेगा तो सिर्फ भड़ास निकालने के लिए अपनी बात न कहें! चुप रहना बुद्धिमानी होगी। बार-बार विरोधी स्वर में बोलने वाले व्यक्ति तथा लगातार आपत्ति दर्ज करने वाले व्यक्ति की टीम वर्क काबिलियत कम होती चली जाती है तथा दूसरे आपके साथ काम नहीं करना चाहते। भड़ास निकालने वाला व्यक्ति हारा हुआ और कमजोर प्रतीत होता है। ऐसे लोगों का दूसरे अपने मतलब के लिए गलत उपयोग कर लेते है।

3. प्रशंसा सबके सामने, निंदा अकेले में

        निंदा प्रेम की सबसे बड़ी कैंची है। प्रशंसा सुनने की ललक तो हर व्यक्ति में होती है लेकिन निंदा सुनने का साहस बहुत कम लोगों में होता है। अच्छी मंशा से सुधार हेतु भी किसी की निंदा की जाए तो भी ज्यादातर लोग उसे एक व्यक्तिगत आघात के रूप में ले लेते है। इसलिए अत्यधिक आवश्यकता होने पर ही किसी की निन्दा करें और वो भी बेहद संतुलित शब्दों में।

4. मुंह खोले तो अच्छा बोले

        आप दूसरों को हमेशा प्रोत्साहित करें। कर सकते हो, आपके अंदर क्षमता हैं, शानदार, गुड आइडिया जैसे शब्द आप लगातार और नियमित रूप से प्रयोग करें। "मुंह खोले तो अच्छा बोले" का नियम याद रखें क्योंकि कहे गए शब्द लौटकर वापस नहीं आते। किसी ने कहा भी है -

वाणी संभालकर बोलिये, ना है हाथ ना पांव
एक शब्द करे औषधि, एक शब्द करे घाव

5. जिंदगी को खुली किताब मत बनाइए

        कुछ लोग भावनात्मक रूप से बेहद कमजोर होते है, जरा-जरा सी बात पर हिम्मत हार जाते है और जिंदगी के प्रति नकारात्मक हो जाते है। इनसे कोई अनजान व्यक्ति भी थोड़ी देर अपनेपन से बातें कर ले तो ऐसे लोग अपना सारा भूत, भविष्य और वर्तमान खोलकर रख देते है। इनकी अक्सर दूसरे लोग हंसी उड़ाते है और उनका जीवन एक खुली किताब की तरह चर्चा का विषय बन जाता है। यह खासकर महिला वर्ग की आदत होती है। इसलिए अपनी भावनात्मक छवि पर ध्यान दीजिए और रोने के लिए दूसरों के कंधे ढूंढने की गलती ना करें।

6. उत्साह और जूनून का मीटर

        कुछ लोगों को देखते ही ऐसा लगता है जैसे उनके जीने की कोई वजह ही ना हो। वो खुद से नाराज रहते है और दूसरे भी उन्हें दुनिया पर बोझ समझते है। उमंगित और प्रसन्नचित्त नजर आइए क्योंकि दुनिया में कोई भी सुस्त और निरुत्साहित व्यक्ति का साथी नहीं बनना चाहता।

7. व्यस्त रहिए

        समय की पाबंदी का पालन कीजिए, दूसरों को लगना चाहिए कि आप बातों के खरे है। इससे दूसरों की नजर में आपकी गरिमा बढ़ती है। इससे यह संदेश जाता है कि आप मूल्यों और अनुशासन वाले व्यक्ति है। इससे आपको लक्ष्यों को पाने में मदद मिलेगी। यदि दूसरों को यह लगा कि आपके समय की कोई कीमत नहीं है तो अगले ही क्षण से वे आपका दुरुपयोग शुरू कर देंगे।

8. समस्या या समाधान

        समस्या नहीं, समाधान का हिस्सा बनिए। कुछ लोग हर ओर मुश्किलें देखते है और शिकायतें करते रहते है, ऐसे लोगों को परिवार और समाज में कोई पसंद नहीं करता। इसके विपरीत जो लोग ठंडे दिमाग से हल ढूँढ़ने का प्रयास करते है, उनकी हर ओर प्रशंसा होती है तथा उन्हें जिम्मेदार समझा जाता है।

9. होमवर्क कीजिए

        विद्ववान की छवि बनाइए। यदि आप किसी विषय पर दूसरों से बात कर रहे है तो विषय का पहले ही अध्ययन कर लीजिए और होमवर्क करके जाइए। जब आप दूसरों के सामने अलग-अलग मौकों पर विभिन्न विषयों पर विचार व्यक्त करेंगे तो अन्य लोगों के मन में आपकी अच्छी छवि बनेगी।

10. मौन भी बुद्धिमानी है

        यदि विषय की आपको जानकारी न हो तो कभी भी गलत बात कह कर अपना गलत ज्ञान सिद्ध ना करें और ना ही सबके सामने अपनी अज्ञानता स्वीकार करें। ऐसे समय में बुद्धिमत्तापूर्ण मौन रखना सर्वश्रेष्ठ है। ज्यादा बोलना हानिकारक होता है क्योंकि उससे आपके सारे रहस्य दूसरों के सामने खुल जाते है और लोग गलत फायदा उठा सकते है।

11. मौका मिलते ही योग्यता सिद्ध कीजिए

        स्वयं की योग्यताएं सिद्ध करने का मौका न गंवाए। पहल कीजिए, अच्छा गाते हो तो मौका मिलते ही गा दीजिए, हंसा सकते हो तो हंसा दीजिए, खेलने का मौका मिले तो खेल लीजिए, स्टेज पर जाने का मौका मिले तो चले जाइए। यदि आपके भीतर कोई विशेष गुण हो तो दूसरों के बुलावे का इंतजार मत कीजिए, पहल कीजिए और योग्यता दिखा दीजिए। धीरे-धीरे आप पाएंगे कि दूसरे आपको अवसर देने लगे है, आपको ज्यादा योग्य समझने लगे है और आपसे जुड़ना चाहते है।

12. पहल करके संबंध बनाइए

        शक्तिशाली, समृद्ध, विद्वान तथा कर्मठ लोगों से पहल करके संबंध बनाइए। संबंध बनाने के लिए प्रशंसा कीजिए, उनसे बार-बार मिलिए, छोटी बड़ी भेंट दीजिए लेकिन उनके करीब जाइए। यदि मिलने का कारण न मिल रहा हो तो Planned unplanned meeting कीजिये। जैसे-जैसे आप कर्मठ लोगो के समूह के साथ उठना-बैठना करेंगे, आपका सामाजिक स्तर स्वयं ही उठना शुरू हो जाएगा और सामाज में आपकी छवि में सुधार होगा।

13. ज्यादा ना हानिकारक है

        जो भी काम या जिम्मेदारी आपके बस में हो और वह आपकी प्रतिष्ठा में वृद्धि करती हो तो पहल करके हासिल कर लीजिए। हर काम के पूरा होते ही आपकी छवि और बेहतर होती चली जाएगी और आपको ज्यादा योग्य समझा जाएगा। परन्तु यदि कोई काम आपके बस में नहीं है तो अपनी कमजोरी सिद्ध करने की बजाय बात कोशिश पर डाल दीजिए। कहने का मतलब यह है कि अपने मुंह से ज्यादा “ना" शब्द मत निकालिए।

14. काम कीजिए तो पूरे जुनून के साथ

        यदि आपने कोई जिम्मेदारी ले ली है या खुद के लिए लक्ष्य तय किया है तो फिर पूरी ताकत झोंक दीजिए। अपना सौ प्रतिशत लगा दीजिए। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपकी जीत सुनिश्चित हो जाएगी। सबको यह सकारात्मक संदेश जायेगा कि जो भी काम आपको सौंपा जाता है वह कभी भी अधूरा नहीं छूटता और एक जिम्मेदार व्यक्ति के रूप में आपकी छवि बढ़ती चली जाएगी।

15. ज्यादा घोषणायें मत कीजिए

        कुछ लोगों की आदत होती है कि वे बार-बार योजनाएं बनाते है और दूसरों के सामने घोषणाएं करते रहते है। यदि किसी भी कारणवश वे योजनाएं पूरी नहीं हो पाती, तो उनकी बातों का महत्त्व कम होता चला जाता है। कुछ दिन बाद उनकी सच्ची योजनाओं को भी लोग हवा में उड़ा देते है। काम पूरा होने तक, विजय तय होने तक और परिणाम सामने आते तक बात पेट में पचाकर रखिए।

16 चाणक्य के तीन कथन याद रख्खे

विद्वान चाणक्य ने चाणक्य नीति में लिखा है कि तीन राज कभी भी अपने करीबी लोगों के सामने नहीं खोलना।

1.आर्थिक नुकसान

        आर्थिक नुकसान की बात पता चलते ही सारे लेनदार आपके दरवाजे पर पहुंच जाएंगे और देनदार भाग खड़े होंगे। सारे परिचित मुंह फेर लेंगे क्योंकि समर्थ की मदद को हर कोई तैयार होता है परन्तु असमर्थ के साथ अक्सर कोई खड़ा नहीं होता। आर्थिक नुकसान की बात अफवाहों के साथ मिलकर कई गुना होकर फैल जायेगी और आपकी आर्थिक छवि खत्म हो जाएगी ।

2.जीवन साथी की चरित्रहीनता

        जीवन साथी की चरित्रहीनता, संदिग्ध आचरण, पुराने प्रसंगों पर सोच समझकर, व्यक्तिगत रूप से कार्य करके निर्णय ले। आपका संदेह चाहे सही साबित हो या गलत लेकिन यदि आप यह बात दूसरों से बाटेंगे तो लोग सामने सहानुभूति दिखाएंगे और पीठ पीछे चटखारे लेंगे। इससे आपके चारित्र को नुकसान पहुंचेगा।

3.बड़ी बीमारी

        यदि आपको कोई घातक या संक्रामक बीमारी हो गई है तो आप बिना शोर- शराबा किए उसका इलाज करा लें । यदि आप बार-बार चिंतित होकर अपनी बीमारी की बात को हवा देंगे तो आपसे सहानुभूति दिखाने वालो की तादाद आपको परेशान कर देगी तथा आप और भी ज्यादा बीमार हो जाएंगे। अफवाहों का बाजार गर्म हो जाएगा और आपकी ठीक होने योग्य बीमारी को लोग लाइलाज घोषित कर देंगे और कुछ लोग एक सामान्य सी बीमारी को संक्रामक घोषित कर देंगे और आपको छूत का रोगी बना देंगे ।

17. सीखना जारी रखिए

        यदि आप वास्तविकता में अपना मूल्य बढ़ाना चाहते है और अपनी सफलता सुनिश्चित करना चाहते है तो सीखना जारी रखिए। अच्छी पुस्तकें पढ़िए, सेमिनारों में हिस्सा लीजिए, बुद्धिजीवी वर्ग की संगत कीजिए और ज्ञान का भंडार बढ़ाइए।

18. सोच समझकर हिस्सा लीजिए

यदि आप अपना स्तर ऊंचा उठाना चाहते है तो आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप कैसी जगहों में जा रहे है और किन लोगों के बीच उठ-बैठ रहे है। यदि आप नकारात्मक छवि वाले लोगों के साथ रहेंगे, निम्न स्तर के कार्यक्रमों में शामिल होंगे, संदेहपूर्ण जगहों पर नजर आएंगे तो दुनिया का उच्च वर्ग आपके साथ जुड़ने से कतराएगा और आपकी तरक्की पर ब्रेक लग जाएगा।

19. ऊपरवाले को मत भूलना

ऊपर वाले को याद रखने से आपके मन को शान्ति मिलेगी, प्रभु के आशीर्वाद से जीवन सुख से बीतेगा और आप अपने अंदर एक अद्भुत संतुष्टि महसूस करेंगे। ऊपरवाले में गंभीर आस्था रखने वाले लोगों को दूसरे ज्यादा विश्वास योग्य समझते है, भला आदमी समझते है, ईमानदार समझते है।

20. अलग नजर आने का साहस करना

हर समय विरोधी बात कहने वाले को कोई पसंद नहीं करता परंतु यदि एक संतुलित व्यक्ति दूसरों की बातों से असहमत होते हुए अपने विचार व्यक्त कर दें तो दूसरों को उस विचार पर ध्यान देना पड़ता है। हमेशा मीठी बातें कहकर पुचकारने वाला व्यक्ति चाटुकार समझा जाता है इसीलिए कभी-कभी अलग नजर आने का साहस कीजिए।

21. प्रथम इम्प्रेशन अच्छा हो

आप क्या पहनते है, कितनी साफ सफाई से रहते है, आपका हेयर कट कैसा है, आप स्वास्थ्य के प्रति कितने जागरूक है, आपके शरीर का आकार-प्रकार कैसा है जैसे अनेक तत्व मिलकर आपकी प्राथमिक छवि को तय करते है। हो सकता है कि खराब, अरुचिकर या संदेहास्पद प्रथम छवि की वजह से आप कोई सुनहरा मौका चूक जाए। इसलिए आपकी प्रथम छवि आपके बारे में दूसरों तक क्या संदेश ले जाती है, इसका ध्यान रखिए ।

22. कभी-कभी गलती मान ले

आप हर बार हर काम को सही नहीं कर सकते, आप दुनिया के हर क्षेत्र में सफल नहीं हो सकते, चूंकि आप भी इन्सान है इसलिए गलतियां होना और पराजय मिलना स्वाभाविक है। कभी-कभी गलती स्वीकार करना भी आपकी छवि में वृद्धि करती है। इसलिए आप भी कभी-कभी गलती स्वीकारने का साहस कीजिए। लेकिन हां, यदि वही गलती बार-बार दोहराई जाए तो आपकी छवि खत्म होते देर नहीं लगेगी।

23. अच्छा होने में कुछ भी बुरा नहीं

बिना बात निन्दा, दूसरों को नीचा दिखाना, हतोत्साहित करना, बड़े और झूठे वादे करना, कथनी और करनी में सामंजस्य न होना, बहाने बनाना, धोखा देना, यह सारी आदतें इंसान की छवि ख़राब करती है। गहराई से सोचा जाए तो बुरा बनने की कोई आवश्यकता नहीं है। दूसरों को मिटाकर बड़ा बनने की सोच रखने से बेहतर है कि खुद इतने बड़े हो जाए कि दूसरे छोटे हो जाए। अच्छा बोलें, सकारात्मक रहे, व्यर्थ गॉसिप में ना पड़े, जो बोले सो करें, जिंदगी के प्रति उत्साह हो, अपना काम ईमानदारी से करें, दूसरों को सम्मान दें, आखिर अच्छी छवि के लिए इससे ज्यादा और क्या चाहिए।

24. अच्छी छवि बनाने की शुरुआत घर से करे

आपके परिवारजन और मित्र आपको चाहते है तो वे हमेशा आपके पक्ष में बोलेंगे परन्तु यदि वे आपको नहीं चाहते तो आपके विरोध में बोली गई उनकी एक लाइन सैकड़ों विरोधियों से भी ज्यादा मारक होगी। इंसान दूसरों का सम्मान करता है परन्तु अपनों का अपमान करता है। सारी दुनिया से तो अच्छी इमेज के चक्कर में अच्छा व्यवहार करता है परन्तु अपनों के साथ चूक कर जाता है। यदि आपका परिवार आपसे संतुष्ट नहीं है तो शीघ्र ही आप जीवन के दूसरे मोर्चों पर हार जाएंगे क्योंकि आपका पारिवारिक तनाव आपकी कार्यक्षमता को प्रभावित कर देगा इसलिए अच्छी छवि बनाने की शुरुआत घर से कीजिए।

25. आपकी नजरों में खुद की छवि

यदि आप खुद के प्रति सम्मान महसूस नहीं करते, खुद से प्यार नहीं करते, खुद की योग्यताओं को कम करके आंकते है, खुद की क्षमताओं पर संदेह करते है तो दूसरों से खुद के लिए इन चीजों की अपेक्षा करना मूर्खता है। इंसान का सबसे बड़ा आइना वह खुद होता है। जो खुद उठना नहीं चाहते, दीन-हीन बने रहना चाहते है, उनकी कोई दूसरा मदद नहीं कर सकता। जिंदगी में जीतना हो तो खुद की नजरों में अपनी छवि बढ़ाइए ताकि आपकी बातों में आपका आत्मविश्वास झलक सके।

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