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और सफल बनें | Aur Safal Bane By Shiv Khera Book Summary In Hindi

Aur Safal Bane By Shiv Khera Book Summary In Hindi

और सफल बनें | Aur Safal Bane By Shiv Khera Book Summary In Hindi
और सफल बनें | Aur Safal Bane By Shiv Khera Book Summary In Hindi

        💕Hello Friends,आपका स्वागत है learningforlife.cc में। Success का एक ही लक्ष्य है खुशियां पाना। Author ने गहराई से सोचा और यह पाया कि खुश रहने के लिए हमें तीन चीज़ों की ज़रूरत होती है - सेहत (Health), दौलत (wealth) और अच्छे रिश्ते (relations)। कुछ लोग असाधारण ज़िन्दगी जीना चाहते हैं। वे लोग असाधारण दौलत चाहते हैं। वे लोग असाधारण Success चाहते हैं। उन्हें खुद से यह Questions पूछने चाहिए-
  • क्या वे खुद असाधारण या ख़ास इंसान हैं?
  • क्या वे खुद असाधारण मेहनत करना चाहते हैं?
  • क्या उनकी कुछ असाधारण commitments हैं?
  • क्या उनके पास कुछ असाधारण रिश्ते हैं?
  • क्या उनके अंदर असाधारण ईमानदारी है?
        इस पोस्ट में "और सफल बनें" By Shiv Khera Book से 22 Rules बताए जा रहे जो Universal हैं और सदियों से चले आ रहे हैं। ये Rules easy हैं, लेकिन इन्हें अपनी life में implement करना आसान नहीं है। इनमें से कोई भी तब तक आपके किसी काम का नहीं है जब तक आप उन्हें अपनी life में नहीं उतारते।

1. जीत-जीत का नज़रिया (A Win & Win Attitude)

        ऐसा कैसे होता है कि एक ही हालात में कुछ लोग नए रिकॉर्ड तोड़ देते हैं, जबकि कुछ लोग अपने आप को तोड़ लेते हैं? इसमें फर्क पैदा करता है हमारा Attitude. Success हमारी पोजीशन पर नहीं बल्कि हमारे Attitude पर निर्भर करती है। एक पॉज़िटिव् एटीट्यूड का मतलब यह नहीं होता कि इंसान असलियत को नज़रअंदाज करता है और न ही वह हर चीज़ से सहमत होता है। इसका सीधा सा मतलब यह है कि वह ऐसा इंसान है जिसका Attitude केवल Solution पर टिका होता है। ऐसा व्यक्ति हर Problem में solution खोजने की क्षमता रखता है। यह कुछ करने का जुनून व जिद्द है। एटीट्यूड ही हर तरह का फर्क पदा करता है। यह ज़िन्दगी को बना भी सकता है और बिगाड़ भी सकता है। हम एक चीटीं की ज़िन्दगी से सीख सकते हैं, जो हमें यह सिखाती है कि कैसे बाधाओं पर जीत हासिल करनी चाहिए।

2. ज़िन्दगी अजीब है-शुरुआत की जाए (Life is Funny-Let's Get Started...)

हाथों की लकीरों से कहां तय होते हैं। मुकद्दर, बिन हाथों के भी देखा है। कईयों के मुकद्दर संवरते हुए।

        ज़िन्दगी बहुत अजीब है, जब तक हम जिंदा हैं, हम यही सीखते रहते हैं कि आख़िर इस ज़िन्दगी को कैसे जिया जाए। ज़िन्दगी हमें लगातार सिखाती है और कई तरीके से इम्तिहान भी लेती है - जैसे किसी रिश्ते का टूट जाना, कोई बीमारी या किसी नज़दीकी का गुज़र जाना। ऐसे experience या तो किसी इंसान को बेहतर बनाते हैं या फिर कड़वा। जब भी किसी इंसान के सामने ऐसे हालात आते हैं जहां अन्धेरा ही अन्धेरा लगे, तो कैसे वह इंसान अपनी Failure को Success में बदल सकता है? आख़िर कैसे मुट्ठी भर लोग ही अपने सामने आने वाली बाधाओं को अवसरों में, और समस्याओं को संभावनाओं में बदलने में सफल होते हैं? वे ऐसा इसलिए कर पाते हैं क्योंकि वे तैयार होते हैं। और उनके अन्दर जीतने वाली क्षमताएं होती हैं, जैसे उनका एटीट्यूड, समाधान, जुनून और दृढ़ता।

3. ज़िन्दगी का सार (Gist of Life)

        'समस्याएं तो ज़िन्दगी का प्रतीक हैं! जब तक हम जिंदा रहेंगे, समस्याएं रहेंगी, जिस दिन समस्याएं नहीं होंगी, उस दिन हम ही नहीं रहेंगे। जब हमारे पास समस्याएं कम हो रही हो, तो यह चौंकने का समय है। यह समय है अपने घुटनों पर बैठकर परमात्मा से पूछने का 'क्या आपने मुझ पर से भरोसा छोड़ दिया? मुझे कुछ समस्याएं भेजिए।'

        हम सभी समस्याओं को सुलझा नहीं सकते, लेकिन हम उन्हें हैंडल ज़रूर कर सकते हैं, निपटा सकते हैं। हम ऐसा एक प्रार्थना से कर सकते है जिसे, 'सेरेनिटी प्रेयर' कहते है। जो इस प्रकार है:-

"परमात्मा, मुझे संतुलन दो, जो मैं बदल नहीं सकता, आपकी सौगात समझकर उसे स्वीकार करू और जो मैं बदल सकता हूं मुझे इतनी हिम्मत और हौसला दो कि मैं उसे बदल दूँ और इतनी सुबुद्धि दो कि उनमें फर्क बता सकू कि क्या बदल सकता हूँ और क्या नहीं बदल सकता हूँ।"

4. बुद्धिमत्ता से भरा हुआ सच (The Wisdom Truth)

        अगर हम वही काम करते रहे जो आज तक हम करते चले आ रहे हैं, तो हमें results भी वही मिलेंगे जो हमें आज तक मिलते रहे हैं। अगर हम अपनी life में कुछ नया चाहते हैं, कुछ अलग results चाहते हैं, तो या तो हमें कुछ अलग चीजे करनी होंगी या चीज़ों को अलग ढंग से करना होगा। हमारी Education ही है जो हमें कुछ अलग तरह से चीज़ों को करना सिखाती है। हमारी पढ़ाई ही है जो सिर्फ़ हमें जागरूक ही नहीं करती बल्कि वह हमारे अंदर change लाती है। जब भी हमें पहली बार कोई जानकारी मिलती है तो यह हमें जगाती है। जानकारी ज्ञान है, और ज्ञान का मतलब है कि 'मुझे अब ज्ञात हुआ है।' जब हम किसी जानकारी को अपने व्यवहार में उतारते हैं तो इसका नतीजा होता है अंदरूनी बदलाव। जानकारी खबर है, उसे पहचानना समझदारी है, और जीवन में उतारना बुद्धिमत्ता है।

5. अपने दिमाग को मापें (Mind Your Mind)

        हमारा दिमाग विचारों की एक फैक्ट्री है, जो निगेटिव या पॉज़िटिव् विचार पैदा करता रहता है। हम अपने विचारों की फैक्ट्री से या तो थर्मामीटर (thermometer) के जैसे काम ले सकते हैं या फिर थर्मोस्टेट (thermostat) की तरह। एक थर्मामीटर सिर्फ़ बाहरी टेम्प्रेचर को दिखाता है, उसमें कुछ बदलने की ताकत नहीं होती, एक सीमा से बाहर वह असहाय है। जबकि एक थर्मोस्टेट में पढ़ने और बदलाव लाने दोनों की ही ताकत होती है। यह वातावरण (environment) को नियंत्रित (control) करता है।

हमारा दिमाग कैसा होना चाहिए - एक थर्मामीटर की तरह या एक थर्मोस्टेट की तरह? For Example:-

        एक आदमी सुबह उठता है, बाहर की अच्छी धूप देखकर उसका मन प्रसन्न हो जाता है लेकिन अगले दिन जब वह सुबह उठता है बाहर बादल देखकर वह उदास महसूस करता है। उसके दिमाग को बाहरी मौसम कंट्रोल कर रहा। वह अपने आप को मजबूर महसूस करता है क्योंकि उसका दिमाग एक थर्मामीटर की तरह काम कर रहा है। थम्मोस्टेट वाले दिमाग को बाहरी मौसम चाहे जैसा भी हो उसे कोई फर्क नहीं पड़ता, वह खुश रहता है क्योंकि उसका अंदरूनी टेम्परेचर का कंट्रोल उसके हाथ में है। वह अपनी ज़िन्दगी का इंचार्ज (incharge) खुद है। अगर हम एक महत्वपूर्ण ज़िन्दगी बिताना चाहते हैं तो हमें खुद को एक थर्मोस्टेट बनाना होगा न कि एक थर्मामीटर!

6. खुद में निवेश करें (Invest in Yourself)

अगर आप ज़िन्दगी के आउटपुट (output) से खुश नहीं है, तो आपको अपने इनपुट को देखना होगा। अगर आप साधारण चीज़ें करेंगे तो आपकी साधारण ज़िन्दगी होगी। अगर आप ख़ास काम करते हैं। तो ख़ास ज़िन्दगी बिताएंगे।

        हम बिना कुछ सोचे समझे महंगे कपड़े, डिज़ाइनर जींस और फैशनेबल जूते खरीदते हैं; और शायद कभी-कभी तो लाखों रुपए खर्चा करते हैं। जितना पैसा हम अपनी गर्दन से नीचे (तन) खर्च करते हैं अगर उसका एक छोटा हिस्सा भी हम गर्दन से ऊपर (दिमाग) निवेश करें तो हम एकदम ही एक अलग मुकाम पर होंगे!

हम आज से पांच साल बाद कहां पर होंगे, यह इन तीन ही चीज़ों पर निर्भर करता है:
  1. हम कैसी किताबें पढ़ते हैं।
  2. हम कैसी फिल्में और शो देखते हैं।
  3. हमारी संगत कैसी है।
        क्योंकि वे उन इनपुट को बनाती हैं, जिसने हमारे एटीट्यूड को बनाया है। इसका फैसला हम करते हैं कि हमें कौन सी किताबें पढनी हैं, कौन सी फिल्में देखनी हैं और हमारी संगत कैसी हो।

7. विजेता बने (Making of a Winner)

एक विजेता बनने के लिए इन steps को follow करे:-

1. सेल्फ-एस्टीम (Self-esteem)

        सेल्फ-एस्टीम का मतलब है हम अपने बारे में कैसा अहसास या महसूस करते हैं। जब हम खुद के बारे में अच्छा महसूस करते हैं. सारी दुनिया अच्छी लगने लगती है. प्रोडक्टिविटी (productivity) बढ़ती है, और हमारे रिश्ते भी बहुत बेहतर हो जाते हैं, और इसका opposite भी एकदम सच है।

2. निरंतरता (Consistency)

        कुछ पॉज़िटिव् कदमों को बार-बार दोहराने से हम सफलता हासिल करते हैं और रोज़ाना कुछ न कुछ गलतियां बार-बार दोहराते रहने से हम विफल होते हैं। हमें दोहराते रहने की इस असाधारण ताकत को जानना होगा। यही दोहराते रहने से ही हमारे जीवन का आकार बनता है। जीतना और हारना कोई घटनाएं नहीं हैं बल्कि ये प्रक्रियाएं (Processes) हैं। वे सफ़र हैं, न कि मंजिल। वे रातों रात नहीं होती हैं। इसी प्रकार कोई कभी-कभी गलती करने से विफल नहीं होता बल्कि बार-बार किसी गलती को दोहराने से निगेटिविटी घर कर जाती है और पहाड़ बन जाता है।

3. आत्म-नियंत्रण (Self-Control)

        एक बार एक टीचर ने एक बच्चे से पूछा, 'दुनिया में सबसे ताकतवर इन्सान कौन है?' उस बच्चे ने कहा, 'बैटमैन (batman)!' टीचर ने फिर कहा, 'नहीं, कुछ और सोचो!' बच्चे ने फिर से सोचा और कहा, 'स्पाइडरमैन (Spiderman)!' फिर से टीचर ने कहा, 'नहीं, एक बार और सोचो!' उस बच्चे को लगा इस बार तो वह गलत नहीं हो सकता तो उसने कहा, 'सुपरमैन (Superman)।' टीचर ने कहा, 'बेटा बस एक बार और!' बच्चे ने हथियार डाल दिए और उसने टीचर से ही पूछा, 'आप ही मुझे दुनिया के सबसे ताकतवर आदमी का नाम क्यों नहीं बता देते?' टीचर ने कहा, 'बेटा, दुनिया में सबसे ताकतवर वह इंसान है, जिसका अपने विचारों और भावनाओं पर नियंत्रण हो।' दूसरे शब्दों में, जिसके पास आत्मनियंत्रण है, उसके पास सच्ची ताकत है।

4. आत्म-अनुशासन (Self-Discipline)

        Success के लिए सबसे ज़रूरी चीज़ है, Self-Discipline। Discipline का सबसे बड़ा फायदा यह नहीं कि यह हमारे लिए क्या कर सकता है बल्कि यह हमें क्या बना सकता है। हमें क्या मिलता है। उससे ज़्यादा ज़रूरी है कि हम क्या बनते हैं। ज़िन्दगी में सिर्फ दो ही तरह के दर्द होते हैं - Discipline का दर्द और पछतावे का दर्द। इनमें से पछतावे का दर्द सबसे ज़्यादा दुखदाई है। एक यूनिवर्सल सच यह है कि Discipline पछतावे का इलाज है।

5. जुनून (Passion)

        जुनून क्या है? जुनून एक मज़बूत भावना है - भावना एनर्जी है जो हमें खुद के लिए प्रतिबद्ध (commit) होने के लिए Inspire करती है। अगर हमें कुछ हासिल करना है, या ज़िन्दगी को पहचानना है तो हमें एक लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित करना होगा और उसे हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंकनी होगी। जो भी हम करते हैं, हमें उसे पूरे दिल से करना होगा तभी नए अवसरों के रास्ते खोलेगे। लोग कहते हैं कि 'अगर मेरे पास बेहतर नौकरी होती तो में उसे पूरे जुनून से करता।' यह एक तरह का भ्रम है। यही कारण है कि लोग आधे दिन काम करते हैं और पूरे दिन की salary लेते हैं। इसमें कोई हैरानी की बात नहीं कि वे कहीं भी आगे नहीं जाते। किसी ऐसे इंसान को Inspire करना जिसमें कोई जुनून ही नहीं है, वह ऐसा है जैसे किसी मरे हुए को जिंदा करना।

8. आगे बढ़ते रहो (Keep It Up)

जीतने वाले जीतते ही हैं, चाहे कुछ भी हो!

        Success की तरफ़ जाने वाली road आसान नहीं है। यह बाधाओं और गड्ढों से भरी हुई है। विजेता अपने दिमाग को लगातार सही काम करने के लिए ही तैयार करते हैं। Problem यह नहीं है कि हमें right और wrong में फर्क नहीं मालूम, Problem यह है कि जो right है, उसे life में कैसे उतारें।

9. मूल्यांकन बदलता है, मूल्य नहीं (Valuations Change, Values Don't)

        मूल्य हमारी ज़िन्दगी के लिए ज़रूरी हैं, वे हमारे चरित्र में ताकत देते हैं। मूल्य वे सिद्धांत हैं जो हमारे कर्मों का मार्गदर्शन करते हैं। पॉज़िटिव मूल्यों का नतीजा होता है - positive behavior, जिसके positive results मिलते हैं। ये सभी एक positive society का निर्माण करते हैं। निगेटिव विशेषताएं जैसे धोखा, बेईमानी, और स्वार्थ का नतीजा negative behavior होता, जिससे हमें negative results मिलते हैं।

10. चरित्र चुनें (Choose Character)

        एक बार एक टीचर ने एक स्टूडेंट से पूछा, 'कोई भी देश कैसे बर्बाद होता है?' स्टूडेंट ने जवाब दिया, 'जब भी कोई दुश्मन बाहर से आकर बम फेंकता है।' टीचर ने कहा, 'नहीं, एक बार और सोचो।' स्टूडेंट ने कहा, 'जब बाहर से आकर कोई दुश्मन हम पर मिसाइल से हमला करता है।' टीचर ने कहा, 'नहीं एक बार फिर सोचो।' स्टूडेंट ने कहा, 'मैं अब हार मानता हूं सर, आप ही बता दीजिए। टीचर ने कहा, बम और मिसाइल तो विनाश के हिंसक तरीके हैं, मगर देश को नष्ट करने का एक बहुत आसान तरीका है। बेईमानी (Dishonesty) को ज़िन्दगी का तरीका बना दें, भ्रष्टाचार (Corruption) और धोखाधड़ी (Fraud) को कानूनी कपड़े पहना दें। जब हम अपने स्टूडेंट्स को बेईमानी करने देते हैं, तो वे भ्रष्ट (corrupt) हो जाते हैं।

        चरित्र निर्माण की सबसे बड़ी दुश्मन है, भ्रष्ट शिक्षा प्रणाली- जब राष्ट्र का चरित्र भ्रष्ट हो जाता है, तो देश अपने आप बर्बाद हो जाता है। एक पुरानी कहावत है, 'जब पैसा खो जाता है तो कुछ भी नहीं जाता, मगर जब सेहत जाती है तो कुछ चला जाता है, मगर जब चरित्र जाता है तो सब कुछ चला जाता है।' चरित्र कोई gift नहीं है। यह एक achievement है। इसे hard work से हासिल किया जाता है।

11. ईमानदारी - जीने का एक तरीका (Integrity-A Way of Life)

        ईमानदारी का मतलब यह हुआ कि हम भ्रष्ट नहीं हैं और हम शुद्ध हैं। ईमानदार लोग बहुरूपिये नहीं होते, उनके काम और शब्द एक से होते हैं। इमानदारी महत्वपूर्ण है। यह हमारी life के हर area को प्रभावित करती है। यह हमारे सभी relationships को प्रभावित करती है। हमारे Friend इसलिए हमारे Friend हैं क्योंकि हम एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं वे हमारे Friend नहीं रह जाते जब भरोसा नहीं रहता। जैसे ही ईमानदारी चली जाती है, वैसे ही भरोसा चला जाता है।
कमज़ोर इंसान कभी भी सच्चाई का साथ नहीं दे सकता, और कायर इन्सान कभी उसूलों को निभा नहीं सकता।


12. संतुलन पाना (Finding Balance)

        आज के समय में, हम देखते हैं कि सभी कुछ तेज़ी से भाग रहा है। अनगिनत सामाजिक धाराओं (countless social streams) के बीच, हम सिद्धांतों से हट जाते हैं। हमें अपने सिद्धांतों को खोजने की जरूरत है, मगर कैसे? एक संतुलन (Balance) बनाकर।

        अगर हम घास पर रखी रस्सी पर चलते हुए गिरते हैं कुछ नहीं होता है, लेकिन अगर हम रस्सी पर चलते हुए बाईसवीं मंजिल से गिरते हैं, तो यकीन मानिए हमारा खेल खत्म है। जिसका मतलब यह हुआ कि हम जितनी भी ऊंचाई पर जाते हैं उतनी ही हमारी ज़िम्मेदारी बढ़ती है, और Balance बनाए रखना बहुत मुश्किल होता है। हम जितना ऊंचा अपनी ज़िन्दगी में जाएंगे उतना ही सावधान होने की ज़रूरत है। हमें Family और Friends, घर और काम, आमदनी और खर्च के बीच यहां तक कि अपने शरीर में शुगर के लेवल के बीच का भी संतुलन बनाए रखना होता है, क्योंकि बहुत कम और बहुत ज़्यादा दोनों ही नुकसानदायक है।

13. जो भी करें गर्व से करें (Pride in Performance)

        हम सभी की ज़िन्दगी में कुछ अच्छे और बुरे दिन होते हैं। कई दिन ऐसे होते हैं, जब हम सुबह उठत हैं तो हमें अच्छा महसूस होता है। दुनिया सुन्दर लगती है, हमारी प्रोडक्टिविटी बढ़ती है और रिश्ते बेहतर होते हैं और हम जो भी करते हैं वह आसानी से हो जाता है। कुछ दिन ऐसे भी होते हैं, जब हम उठते हैं तो हमें अच्छा महसूस नहीं होता है, और हम जो भी करते हैं वह मुश्किल से होता है और हर चीज़ में बहुत मेहनत लगानी पड़ती है।

        एक अच्छे प्रोफेशनल की पहचान यह है कि चाहे दिन अच्छा हो या बुरा, उसका परफॉरमेंस एक जैसा ही रहता है। एक अच्छे दिन में सारे काम आसानी से हो जाते हैं, लेकिन बुरे दिन में हर चीज़ में बहुत मेहनत करनी होती है। लेकिन वह कभी अपने परफॉरमेंस की क्वालिटी (quality) से समझौता नहीं करता।

14. दुर्घटनाएं - दुर्घटनाएं नहीं होती हैं। (Accidents are No Accidents)

        मार्क ट्वेन ने एक बार कहा था, "एक बार मरने से बेहतर है हज़ारों बार सावधान रहना।" इस बात को ध्यान में रखते हुए कि 10 में से 8 accidents असुरक्षित स्थितियों के कारण न होकर आदमी के लापरवाह कदमों के कारण होती हैं। जब भी accidents होते हैं, तो सबसे बड़ी पहल होती है बलि का बकरा खोजने की। कभी-कभी लोग कारण खोजने के बजाय यह खोजते हैं कि आख़िर ठीकरा किसके सिर पर फोड़ा जाए। हम सभी कभी न कभी इस तरह के एटीट्यूड के शिकार होते हैं। अगर हम उसी एटीट्यूड के साथ फिर से जीते हैं तो हो सकता है शायद अगली बार हम उतने भाग्यशाली न हों जितने हम पहले रह चुके हैं।

यह कुछ examples है जो दुर्घटना लाते है:
  1. ध्यान का अभाव
  2. सुरक्षा प्रक्रियाओं (security procedures) को follow न करना
  3. निर्देशों को नज़रअंदाज करना या अधूरा छोड़ना
  4. ज़रूरत से ज़्यादा अपने आप से संतुष्ट या अति आत्मविश्वास होना
  5. किसी प्रक्रिया को बिना तैयारी और बिना प्लानिंग करना
  6. परफॉरमेंस में गर्व न करना
  7. छोटे फायदे के लिए बड़ा नुकसान झेलने के लिए तैयार रहना

15. खुशहाली चाहने वाले बनें (Become Prosperity Conscious)

        यह एकदम सटीक कहा गया है कि हर इंसान का अंतिम लक्ष्य ज़िन्दगी में खुश रहना है। खुशी को हासिल सिर्फ़ तभी किया जा सकता है जब हमारे पास यह तीन चीज़ें हों-
  1. सेहत (Health)
  2. दौलत/पैसा (Wealth)
  3. अच्छे रिश्ते (Good Relationships)
        एक खुश और संतुष्ट ज़िन्दगी जीने के लिए इन्सान के पास एक बहुत ज़रूरी चीज़ जो होनी चाहिए, वह है दौलत। दौलत न सिर्फ़ बैंक बैलेंस के रूप में देखी जा सकती है, बल्कि यह शारीरिक दौलत और रिश्तों को एक साथ लाकर देखी जा सकती है। दौलत का मतलब है बैंक बैलेंस और आर्थिक आज़ादी। बैंक बैलेंस के बिना आध्यात्मिक, भावनात्मक और शारीरिक सेहत पाना बहुत ही मुश्किल है।

16. अपने अंदर आग रखें (Fire Within)

        साहस वह विश्वास है, जो एक इंसान को डर से जीतने में मदद करता है। विश्वास ताकत देता है, मगर संदेह कमज़ोरी की तरफ़ ले जाता है। साहस दर्द और दुःख के सामने ताकत है। साहस डर के न होने को नहीं कहते बल्कि उसके ऊपर विजय हासिल करने को कहते हैं। साहसी लोग अपनी life में आने वाली difficulties का सामना कर अपने सम्मान को कारयम रखते हैं, जबकि कायर आसान रास्ता अपनाते हैं।

यह कदम हमारे साहस को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं:
  1. हक़ीकत का सामना करें
  2. मज़बूती से टिके रहे
  3. चरित्र बनाएं
  4. साहस के छोटे-छोटे कामों का अभ्यास करें
  5. परफेक्ट प्रैक्टिस से तैयारी होती है

17. जवाबदेही (Accountability)

हमारे लिए हर सवेरा नए मौके लाता है और हर जाता हुआ दिन नतीजों और जवाबदेही की मांग करता है।

        अक्सर हम सुनते हैं कि इन्सान हमारी सबसे बड़ी संपत्ति है। वाक्य में पूरी तरह से सच्चाई नहीं है। इंसान संपत्ति नहीं है बल्कि सिर्फ अच्छे इंसान संपत्ति है, बाकी सब बोझ हैं। अच्छाई को हमेशा उगाना पड़ता है जबकि बुराई अपने आप उग आती है। अगर हम एक अच्छा बगीचा चाहते हैं तो हमें अच्छे फूल और फलों के बीज लगाने होते हैं, जबकि जंगली घास तो अपने आप उग आती है मगर अच्छाई को उगाने के लिए कडी मेहनत और गंभीर प्रयासों की ज़रूरत होती है। वे लोग जो अपनी जवाबदेही स्वीकार करते हैं, उन्हें अपने काम में गर्व महसूस होता है। आगे क्या आने वाला है उसके बारे में वे पहले ही सोच लेते है। वे ज़रूरत या समस्या के आने का इंतजार नहीं करते। वे बचाव के कदम उठाकर आने वाली समस्याओं को सिर्फ़ रोकते ही नहीं बल्कि उसका असर कम करने की तैयारी करते हैं। जो लोग नतीजों के प्रति गंभीर होते हैं उनके पास प्लान ए, बी, सी, डी होते हैं। वे नतीजा देते हैं, बहाना नहीं।

18. मल्कियत लें (Take Ownership)

हमारे साथ एक आदमी का काम करना बेहतर है, बजाय सौ आदमियों का हमारे लिए काम करना, जो लोग मल्कियत लेते हैं, वे हमारे साथ काम करते हैं, हमारे लिए नहीं!

        कोई भी व्यक्ति सिर्फ़ salary के basis पर Owner या Employee नहीं बनता। एक salary कभी भी यह फैसला नहीं करती कि कौन Owner है और कौन Employee है। सिर्फ़ Ownership की स्वीकृति ही यह फैसला करती है कि Owner कौन है। केवल जब हम अपने अन्दर एक Owner की तरह महसूस करते हैं तभी हम उस तरह का behaviour करते हैं। वह व्यक्ति जो Ownership लेता है, उसमें आपस में जुड़े होने की भावना होती है। इसका मतलब है, 'मैं संस्था (organization) के साथ जुड़ा हूं, और संस्था मुझसे जुड़ी है।' जब भी कोई इंसान Ownership लेता है तो दो चीजें एकदम पैदा होती हैं-
  1. समस्या हल करने की क्षमता (problem-solving ability), और
  2. फैसला लेने की क्षमता (decision -making ability)

19. अपने समय पर काबू पाए (Tame Your Time)

समय का मूल्य क्या है?
  • एक साल का मूल्य उस स्टूडेंट से पूछें जो एक क्लास में फेल हो गया है।
  • एक महीने की कीमत उस मां से पूछें, जिसने एक प्रीमैच्योर बेबी (समय से पहले बच्चे) को जन्म दिया है ।
  • एक दिन की कीमत उस आदमी से पूछिए, जिसका जन्म 29 फरवरी को हुआ है।
  • एक घंटे की कीमत उस इंसान से पूछिए, जिसने अपने प्रेमी-प्रेमिका का इंतजार किया है।
  • एक मिनट की कीमत उस इंसान से पूछिए, जिसकी ट्रेन छूट गयी है।
  • एक मिली-सेकण्ड की कीमत उस खिलाड़ी से पूछिए, जिसने ओलम्पिक्स में एक सिल्वर मैडल जीता है।

        अक्सर लोग अपने कामो को टालते रहते है और वे काम कभी नहीं हो पते। सभी विजेता भी टालना चाहते होंगे, मगर उन्हें टालने का time नहीं मिला। जब भी कोई कहता है ' मैं इसे किसी दिन करूगा' तो इसका मतलब है कि वह दिन कभी नहीं आएगा। अगर हम घर से निकलने से पहले सभी बत्तियों के हरे होने का इंतजार कर रहे हैं तो बेहतर है हम घर पर ही रुकें। क्यों? क्योंकि वे सभी एक साथ तो हरी होंगी नहीं, और हम कभी भी घर से बाहर नहीं निकल पाएंगे। हमें कोई भी काम टालना नहीं चाहिए बल्कि अभी करने की आदत डालनी चाहिए।

वह चांद के नीचे पूरी ज़िन्दगी सोता रहा, वह सूरज के साए में जागता रहा, उसकी ज़िन्दगी बीत गयी किसी दिन कुछ करूंगा न वह दिन आया और बिना कुछ किए वह मर गया।

-जेम्स एल्बरी

20. प्रोएक्टिव रहें और संभव करें! (Be Proactive - Make It Happen!)

किसी भी इंसान की ज़िन्दगी की उपलब्धि को इससे नहीं आंका जाना चाहिए कि उसे क्या मिला, बल्कि इससे आंका जाना चाहिए कि वह क्या बन गया।


प्रोएक्टिव (Proactive) का मतलब है कि बिना किसी के कहे एक इंसान खुद से सही या अच्छा काम करता है।

रिएक्टिव (Reactive) का मतलब है कि हम किसी के कुछ करने या कहने के जवाब में कुछ करते हैं।

        जो इंसान यह कहता है कि मैं झूठ नहीं बोलता तो इसका मतलब यह हुआ कि वह झूठा नहीं है, लेकिन इससे वह अच्छा इंसान नहीं बनता। जो यह कहता है कि मैं चोरी नहीं करता, इसका मतलब यही है कि वह चोर नहीं है, मगर इससे भी वह अच्छा नहीं हो जाता। एक इंसान तब अच्छा होता है, जब वह गलत काम न करके केवल अच्छा काम करता है। किसी भी डॉक्टर से पूछें तो वह हमें बताएगा कि बीमारी के न होने का मतलब सेहतमंद नहीं होता। इसी तरह सिर्फ़ बुराईयों के न होने से कोई भी इंसान अच्छा नहीं बनता। एक इंसान अच्छा तब बनता है, जब वह वाकई में अच्छा काम करता है। इसे प्रोएक्टिव होना कहते हैं।

21. फैसले लें (Make Decisions)

        लोग Decision क्यों नहीं लेते हैं? यह कोई गलती करने या गलत फैसले लेने का डर हो सकता है। इसलिए वे जैसा है वैसा ही चलने देना चाहते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो वे कुछ भी नहीं करना चाहते हैं। वे निष्क्रिय (Inactive) बन जाते हैं। यह अहसास नहीं करते कि life में हम सिर्फ अपने काम के लिए ही नहीं बल्कि काम न करने के लिए भी ज़िम्मेदार हैं। फिर हम अहसास करें या न करें, Decision न लेना भी एक Decision ही है। 'मौकों की खिड़की हमेशा के लिए नहीं खुली रहती है। इसके लिए सही time पर सही Decision लेने की ज़रूरत होती है।' Decision न लेने को मानसिक लकवा (mental paralysis) मारना कहते हैं, जो आत्मविश्वास की कमी, गैर प्रतिबद्ध (non-committal) स्वभाव की वजह से होता है। एक successful life Decision लेने से भरी हुई होती है। जब आप एक Decision ले लेते हैं, तो कुदरत भी आपको उसे हासिल करने में help करती है।

22. विरासत छोड़ना (Leave a Legacy)

दुनिया में दो किस्म के लोग होते हैं:
  1. वे जो दूसरों के नाम याद रखते हैं,
  2. दूसरे वे जिनका नाम याद रखने लायक होता है।
        पैसा, नाम और ताकत सभी बहुत ज़रूरी हैं, लेकिन ये सिर्फ़ आपके लिए महंगे खिलौने ही खरीद सकते हैं और आपके अहंकार को तसल्ली दे सकते हैं, और कुछ नहीं। जो चीज़़ ज़िन्दगी में आपकी अहमियत रखती है वह है आपकी विरासत।

स्टीव जॉब्स कितना छोड़कर गए हैं? जवाब है - अपना सब कुछ।
रूजवेल्ट कितना छोड़कर गए हैं? जवाब है - अपना सब कुछ।
वॉरेन बफे और बिल गेट्स भी कितना छोड़कर जायेंगे? जवाब है - अपना सब कुछ।

        विजेता हर दिन को अपना आख़िरी दिन समझ कर जीते हैं क्योंकि कोई न कोई दिन तो आख़िरी होना ही है, और उन्हें यह नहीं पता कि कौन-सा दिन आख़िरी होगा। मगर जब वे यहां से जाते हैं, तो वे विजेता के रूप में जाते हैं।

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