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श्रोताओं को प्रभावित करने के 12 तरीके | Safal Vakta Safal Vyakti By Ujjwal Patni In Hindi

12 Ways to Impress the Audience | Safal Vakta Safal Vyakti By Ujjwal Patni In Hindi

श्रोताओं को प्रभावित करने के 12 तरीके | Safal Vakta Safal Vyakti By Ujjawal Patni In Hindi
श्रोताओं को प्रभावित करने के 12 तरीके | Safal Vakta Safal Vyakti By Ujjawal Patni In Hindi 

        💕Hello Friends,आपका स्वागत है www.learningforlife.cc में। इस पोस्ट में "सफल वक्ता सफल व्यक्ति" By Dr. Ujjwal Patni book से audience को प्रभावित करने के 12 तरीके दिए जा रहे है। जिससे आप audience के साथ तालमेल बना सके और अपनी बात रख सके।

1. Audience की interest की बात करे

        सफल वक्ता वही बनता है जो audience के interest का ध्यान रखता है। जब भी आप श्रोता के देश, उनके business, उनकी local problems की बात करते हैं तो श्रोता अपनापन महसूस करते है। उनकी और आपकी life से जुड़ी बातें, छोटी-छोटी खुशियां और गम जब speech के बीच में आते हैं तो श्रोता आपके हो जाते हैं। यदि पहले कभी audience की, organization की या उस society की कोई special achievement रही हो तो आप सहज शब्दों में उनकी प्रशंसा करें। वे सुनकर हैरान हो जाते हैं कि सब आपको पता कैसे चला।

2. Audience का हिस्सा बने

        आप उनसे जुड़ने की कोसिस कीजिए। यदि पहले कभी आपका उस शहर में आना हुआ हो तो उसका जिक्र करें। उस शहर के दुर्लभ स्मारकों (rare monuments) की बात करें। यदि उस भीड़ में आप कुछ लोगों को जानते हैं और वे प्रतिष्ठित हैं तो उनका जिक्र करें। आप ऐसे बात करें जैसे आप खुद उस शहर के हैं और आप उस शहर से बैहद प्यार करते हैं। ये कहने कि बजाय - यदि तुम्हें तुम्हारा यह शहर खूबसूरत बनाना है तो Pollution हटाना होगा। ये कहिए - यदि हमें हमारे इस शहर को खूबसूरत बनाना है तो हम सबको मिलकर Pollution हटाना होगा। जितना ज्यादा श्रोता अपनापन महसूस करेंगे, उतना ही वे आप पर विश्वास करेंगे।

3. Audience की वास्तविक प्रशंसा करें

        Author अपने भाषणों में ऐसी लम्बी और लच्छेदार बातों में यकीन नहीं करते कि "आप दुनिया की सबसे अच्छी audience हैं" या "आपके जैसे श्रोता मैंने कभी नहीं देखे।" आजकल सुनने वाले समझदार हो गए हैं। आपकी इस मक्खनबाजी को लोग समझ लेंगे और उन पर कोई असर नहीं होगा।

4. Audience की सीधे मुंह पर निन्दा न करें

        कभी-कभी हम किसी जगह या वहां की अव्यवस्थाओं की कडे और कडवे स्वर में निन्दा कर देते हैं, ये निन्दा जितनी normal हो उतनी अच्छी है। यदि आपने कभी कहा कि यहां के श्रोता सहयोगी नहीं हैं या कलाकारों (artists) के लिए यह शहर ठीक नहीं है, तो श्रोता नाराज हो सकते हैं। हो सकता है कि अपनी भावनाओं पर control न रख पाएं और वहां आपको अपमानित कर दें। श्रोता लड़ाई पर उतर जाएं और भीड़ साथ देने लगे। आपको program बीच में ही बंद करना पड़ेगा। इसलिए निन्दा हमेशा मिठास के साथ कीजिए और safe रहिए।

5. अपनी Audience को अपना संक्रामक उत्साह दीजिए

        अपने topic और speech के बारे में उत्साहित रहिए। आपका उत्साह आपके चेहरे और शरीर से झलकना चाहिए। जब आप कोई नया plan या proposal पेश करने वाले हों तो अपने आपको उत्साह के चरम पर ले जाइए। आपकी बातों में आपका उत्साह दिखना चाहिए।

6. अपनी life को देखिए, ढेरों example मिलेंगे

        सभी speech से related books बड़ी-बड़ी बातों से भरी हुई होती है और हर वक्ता उनका use करता है। Special बनने के लिए आप अपने जीवन में झांकिए, अपने बचपन में जाइए, अपने आसपास देखिए। ऐसे ढेर सारे खट्टे-मीठे अनुभव मिलेंगे जिनसे आप अपनी बातों को जिंदगी दे सकेंगे। बड़ी बातों का पल भर के लिए प्रभाव होता है और सच्चे अनुभव लंबे समय तक असर करते हैं।

7. अपना मजाक बनाइए, खुद पर हसने का साहस करिए

        खुद को छोटा बनाना या खुद पर हसना बहुत बड़ी कला है। आप चुभने वाली आलोचना (criticism) को खुद पर हंस कर प्रभावहीन (ineffective) बना सकते हैं। इसके कई और भी positive पहलू हैं। ये व्यक्तित्व की विनम्रता को सामने लाता है। ये आपके Self-confidence और self-respect को दिखाता है। ये आपके साहस को दिखाता है। Audience इस बात से बहुत inspire होती है कि आप भी शुरुआत में कई बार असफल हुए थे परतु आज सफल हैं।

8. दीनता या माफी से शुरुआत मत कीजिए

        कुछ लोग ऐसी लाइनों से बात शुरू करते हैं-"मैं तो इस काबिल नहीं था फिर भी आपने मुझे बुलाया" या "मुझ जैसे छोटे आदमी को आपने सम्मान दिया।" आपको दीनता दिखाने की या माफी मागने को कोई जरूरत नहीं है। आप इसमें अपना और audience का कीमती समय बर्बाद कर रहे हैं। इससे audience पर गलत प्रभाव पड़ता है। आपको जिस topic पर speech देने के लिए बुलाया गया है, उस topic पर बोलिये और विदा लीजिए। किसी बात के लिए माफी भी मांगनी हो तो speech के बीच में सरल शब्दों में अपनी बात कह दीजिए।

9. किसी और की नकल मत कीजिए, स्वाभाविक बनिए

        अक्सर हम अपने आसपास के किसी व्यक्ति से प्रभावित होकर उसकी नकल करते हैं। Author का experience कहता है कि किसी भी speech या presentation में आप अपनी खुद की पहचान बनाइए। किसी की नकल मत कीजिए। यदि नकल के चक्कर में आपने अपनी मौलिकता खो दी तो आप असल से भी जाएंगे और सूद से भी। भावनाएं जो आपका दिल और शरीर normal condition में व्यक्त करता है, वे सब नकल करते वक्त पैदा नहीं होतीं।

10. प्रशंसा कीजिए, Positive सोच बांटिए

        एक बच्चा दिन भर कचरा बीनता था और रात को बैठकर पढ़ाई करता था। उसका पिता रिक्शा चलाता था और शराब का आदी था। जैसे ही वह पढ़ने बैठता, उसका पिता कहता कि पढ़ लिखकर क्या करेगा, आखिर बड़ा होकर रिक्शा ही चलाना है। ये बातें उस बच्चे को बहुत चुभती थी। धीरे-धीरे उसमें भी negative विचार पनपने लगे। उसका मनोबल गिरने लगा।

        एक व्यक्ति उसे रोज रात को पढ़ते हुए देखता था और मन ही मन प्रशांसा करता था। उस व्यक्ति ने एक दिन उससे कहा- इतनी कमियों के बावजूत तुम पढ़ाई करके अपनी असाधारण लगन का परिचय दे रहे हो, तुम निश्चित बड़े आदमी बनोगे। वे पहले प्रशंसा के शब्द थे जो उस बच्चे ने सुने पहली बार उससे किसी ने कहा कि तुम बड़े आदमी बनोगे। आगे चलकर वह इंग्लैंड में एक प्रसिद्ध वकील बना। आप भी प्रशंसा से दूसरों का और अपना जीवन बदल सकते हैं।

11. एक सामान्य व्यक्ति की तरह अपनी बात कहिए

        Speech में बड़ी-बड़ी और महान बातें कहने की जगह एक simple इंसान की तरह simple शब्दों में अपनी बात रखिए। आपकी बात सामान्य से लेकर विशिष्ट तक सबको समझ में आनी चाहिए। याद रखें बड़ी बातों की सिर्फ प्रशंसा होती है परंतु सामान्य बातों का दिल पर असर होता है। गॉडफादर बनकर सब कुछ हो सकता है, कहना गलत है। बड़ा व्यक्ति जितनी सामान्य बात कहता है, उतना ही ज्यादा प्रसिद्ध वह होता है।

12. अपने दिमाग को success के लिए तैयार करो

        एक scientific fact है कि हम दिमाग को जैसे message देते हैं, दिमाग बैसे ही काम करता है। यदि हम दिमाग को लगातार असफलता और हार का message देंगे तो हार निश्चित है। शरीर में निगेटिव टॉक्सिन बढ़ जाएंगे। यदि आप दिमाग को सफलता और आत्मविश्वास का message देंगे तो आप प्रसन्न रहेंगे और शरीर में पॉजिटिव हारमोंस का प्रभाव होगा। यदि आप बार-बार खुद से कहें कि "मैं यह कर सकता हूं और करके रहूंगा" तो आप सफलता से उसे पूरा करेंगे। दिमाग को सफलता के लिए आज और अभी तैयार कीजिए।

        ☝ यह Summary है "सफल वक्ता सफल व्यक्ति" By Ujjwal Patni book के एक chapter की। यदि detail में पढ़ना चाहते है तो इस book को यहां से खरीद सकते है 👇

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