Trending

बैबिलॉन का सबसे अमीर आदमी | The Richest Man in Babylon By George S. Clason Book Summary In Hindi

Babylon Ka Sabse Amir Aadmi | The Richest Man in Babylon By George S. Clason Book Summary In Hindi

Babylon Ka Sabse Amir Aadmi (The Richest Man in Babylon) By George S. Clason Book Summary In Hindi
Babylon Ka Sabse Amir Aadmi | The Richest Man in Babylon By George S. Clason Book Summary In Hindi

        💕Hello Friends,आपका स्वागत है learningforlife.cc में। हाल ही में मेने पढ़ी "बैबिलॉन का सबसे अमीर आदमी" जो कि Hindi version है "The Richest Man in Babylon" जिसके author है George S. Clason. Money, Economic planning और Personal wealth के विषय में इसे best Motivational book कहा जाता है। इस book में लिखी दिलचस्प और ज्ञानवर्धक कहानियाँ आपको दौलत की राह पर ले जाती हैं तथा सुख की मंज़िल तक पहुँचाती है। इन्ही कहानियो में से एक इस पोस्ट में दी जा रही है, जिसमे बैबिलॉन सहर का सबसे अमीर आदमी हमें बताएगा कि अमीर कैसे बना जाये। तो इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़े..... 
इस कहानी की शुरुआत होती है बैबिलॉन सहर से, जब सम्राट सार्गन अपने शत्रुओं को हराकर बैबिलॉन लौटे, तो उन्हें एक गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ा। 

        उनके वज़ीर ने उन्हें बताया, “महामहिम आपने सिंचाई के लिए बड़ी नहरें और पूजा-अर्चना के लिए ऊँचे मंदिर बनवाए, जिस वजह से प्रजाजन कई साल तक समृद्ध रहे। परंतु अब ये काम पूरे हो गए हैं, इसलिए ज़्यादातर नागरिक अपनी गुज़र-बसर नहीं कर पा रहे हैं।” 
“मज़दूर बेरोज़गार हैं। व्यापारियों की ग्राहकी बहुत कम हो गई है। किसानों की फ़सल नहीं बिक रही है। लोगों के पास सामान ख़रीदने के लिए पर्याप्त धन नहीं है।” 

राजा ने पूछा, “हमने नहर और मंदिर बनवाने में इतना सारा धन ख़र्च किया था। आख़िर वह धन गया कहाँ?” 

वज़ीर ने कहा, “महाराज, वह धन हमारे शहर के मुट्ठी भर अमीर लोगों के पास चला गया है। वह धन हमारे अधिकांश नागरिकों की उँगलियों में से फिसल गया। चूँकि अब धन की नदियाँ बहना बंद हो गई हैं, इसलिए ज़्यादातर लोगों की आमदनी भी ख़त्म हो गई है।” 

सम्राट कुछ समय तक सोचते रहे। फिर उन्होंने पूछा, “इतना सारा धन मुट्ठी भर लोगों के पास कैसे चला गया?” 

वज़ीर ने जवाब दिया, “क्योंकि वे इसका तरीक़ा जानते थे।

सम्राट ने पूछा, “सब लोग यह क्‍यों नहीं सीखते कि धन इकट्ठा कैसे किया जाता है, ताकि मेरे शहर का हर आदमी अमीर बन जाए? क्या यह संभव नहीं है?” 

“बिल्कुल संभव है, महाराज। परंतु उन्हें सिखाएगा कौन?

सम्राट ने पूछा, “वज़ीर, दौलतमंद बनने का तरीक़ा हमारे शहर में सबसे अच्छी तरह कौन जानता है?”

"अरक़ाद के सिवा और कौन हो सकता है। वह बैबिलॉन का सबसे अमीर आदमी है।" 

"उसे कल मेरे सामने पेश करो।”

अरक़ाद ने सम्राट के कहने पर लोगो को ख़ाली पर्स के सात इलाज बताये। जो इस प्रकार है:-

पहला इलाज - अपने पर्स को मोटा करना शुरू करें

        अपनी आमदनी का 10% अपने पर्स में डाले और बची हुई 90% आमदनी ही ख़र्च करें, तो जल्दी ही आपका पर्स मोटा होने लगेगा। पर्स भारी होने से आपको अच्छा लगेगा और आपके कलेजे को ठंडक पहुँचेगी।

        आप किस चीज़ को पाने के ज़्यादा इच्छुक हैं? क्या आपके लिए हर दिन की तात्कालिक इच्छाओं को पूरा करना ज़्यादा जरुरी है जैसे Jewelry, कपडे, सजावट की चीज़ें, बेहतरीन खाना? ये चीज़ें जल्दी ही चली जाती हैं और भुला दी जाती हैं। या फिर आपके लिए दूरगामी इच्छाएँ ज़्यादा जरुरी हैं जैसे विशाल जायदाद, सोना, भूमि, मवेशी, व्यापार, आमदनी देने वाले निवेश? 

        आपकी 90% आमदनी से आपकी तात्कालिक इच्छाएँ पूरी होती हैं और आप अपने पर्स में जो 10% आमदनी बचाते हैं, उनसे आपकी दूरगामी इच्छाएँ पूरी होती हैं।

दूसरा इलाज - ख़र्च को नियंत्रित करें

        जरुरी ख़र्च और अपनी इच्छाओं के बीच के फ़र्क़ को नज़रअंदाज़ न करें। आपकी आमदनी से आपकी जितनी इच्छाएँ संतुष्ट हो सकती हैं, आपकी और आपके परिवार की इच्छाएँ उससे कहीं ज़्यादा होती हैं। इसलिए आप जिन चीज़ों के लिए ख़र्च करना चाहते हों, उन्हें लिख लें। सिर्फ़ आवश्यक चीज़ों को चुनें। इसके अलावा सिर्फ़ उन्हीं चीज़ों को चुनें, जो आपकी 90% आमदनी में संभव हों। बाक़ी सब चीज़ों को हटा दें और उन्हें अपनी असीमित इच्छाओं का हिस्सा मान लें, जो संतुष्ट नहीं होंगी। उनका अफ़सोस न करें।

तीसरा इलाज - अपने धन को कई गुना बढ़ाएँ

        पर्स में रखा धन अच्छा लगता है और कंजूस आदमी को संतोष देता है, परंतु यह आमदनी को बढ़ाता नहीं है। अपनी आमदनी में से धन बचाना तो सिर्फ़ शुरुआत है। उस बचत से जो आमदनी होगी, उसी से हम दौलतमंद बनेंगे। दौलत पर्स में खनखना रहे सिक्‍कों से नहीं बनती है। दौलत तो निवेश से प्राप्त आमदनी से बनती है। दौलत का अर्थ धन की वह धारा है, जो लगातार पर्स में बहकर आती है ओर उसे हमेशा मोटा करती रहती है। हर इंसान की यही इच्छा होती है कि उसके पर्स में आमदनी लगातार आती रहे, भले ही वह मेहनत करें या कहीं सैर-सपाटे पर चला जाएँ।”

चौथा इलाज - अपनी पूंजी की रक्षा करें

        इंसान को अपने पर्स में रखे धन की दृढ़ता से रक्षा करनी चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करेगा, तो धन उसके पास से चला जाएगा। निवेश का पहला सिद्धांत है आपके मूलधन की सुरक्षा। अगर मूलधन के चले जाने का ख़तरा हो, तो क्या ज़्यादा कमाई के लालच में पड़ना समझदारी है?  इसमें ज़रा भी समझदारी नज़र नहीं आती है। अगर आप इतना बड़ा जोखिम उठाते हैं, तो इसकी सज़ा यह होगी कि शायद आप अपना मूलधन भी गँवा दें। 

        अपनी जमापूँजी का निवेश करने से पहले सावधानी से जाँच-पड़ताल करें। पहले पूरी तरह आश्वस्त हो जाएँ कि आपकी पूँजी सुरक्षित लौट आएगी। फटाफट अमीर बनने की हवाई इच्छाओं से ग़लत दिशा में न चले जाएँ। किसी व्यक्ति को कर्ज़ देने से पहले आपको यह यक़ीन कर लेना चाहिए कि उसमें कर्ज़ चुकाने की सामर्थ्य है। यह भी देख लें कि कर्ज़ चुकाने के बारे में उसकी प्रतिष्ठा कैसी है, ताकि कहीं अनजाने में आप उसे अपनी मेहनत की कमाई तोहफ़े में न दे रहे हों। किसी भी क्षेत्र में निवेश करने से पहले अपने मूलधन पर मँडराने वाले खतरों के बारे में जान लें।

        बेहतर यह है कि आप धन के प्रबंधन में अनुभवी लोगों की समझदारी भरी सलाह लें। इस तरह की सलाह माँगने पर मुफ़्त मिल जाती है। हो सकता है यह सलाह उतनी ही मूल्यवान साबित हो, जितनी रक़म का आप निवेश करने जा रहे हैं। सच तो यह है कि अगर यह सलाह आपकी पूँजी को डूबने से बचाती है, तो यह आपकी पूँजी जितनी ही मूल्यवान होती है।

पाँचवाँ इलाज - अपने घर को लाभकारी निवेश बनाएँ

        किसी भी व्यक्ति का परिवार तब तक ज़िंदगी का पूरा आनंद नहीं ले सकता, जब तक कि उसके मकान में इतनी जगह न हो कि उसके बच्चे साफ़-सुथरी धरती पर खेल सकें और उसकी पत्नी न सिर्फ़ सुंदर फूल उगा सके, बल्कि परिवार को खिलाने के लिए अच्छी सब्ज़ियाँ भी उगा सके।

        अपने घर का स्वामी बनने में हमें गर्व का एहसास होता है। इससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है और हम अपने सभी प्रयासों में ज़्यादा मेहनत करते है। इसलिए हर आदमी के पास अपना ख़ुद का मकान होना चाहिए, जिसमें वह और उसका परिवार रह सके।

छठवाँ इलाज - भावी आमदनी सुनिश्चित करें

        हर व्यक्ति की ज़िंदगी बचपन से बुढ़ापे की तरफ़ चलती है। यह ज़िंदगी का मार्ग है और इस पर हर एक को चलना पड़ता है, जब तक कि देवता उसे असमय ही अपने पास न बुला लें। इसलिए इंसान को अपने भविष्य या बुढ़ापे के लिए उचित आमदनी की व्यवस्था कर लेना चाहिए। इसके अलावा उसे इस बात की भी व्यवस्था कर लेना चाहिए कि अगर वह इस दुनिया में न रहे, तो भी उसके परिवार को सहारा तथा आराम मिलता रहे।

        धन के नियमों के ज्ञान से जो व्यक्ति धन इकट्ठा कर लेता है, उसे अपने भविष्य के बारे में विचार करना चाहिए। उसे कुछ ऐसे निवेशों की योजना बनाना चाहिए, जो कई साल तक सुरक्षित रूप से बढ़ते रहें और ज़रूरत के समय काम आएँ। 

सातवाँ इलाज - अपनी आमदनी की क्षमता बढ़ाएँ

        सामान्य इच्छाएँ सिर्फ़ कमज़ोर चाहत होती हैं। अगर किसी इंसान में सिर्फ़ अमीर बनने की चाहत है, तो उससे कोई फ़ायदा नहीं होगा। परंतु जिस व्यक्ति में पाँच सोने के सिक्के कमाने की इच्छा है, उसकी इच्छा निश्चित है और वह इसे पूरा कर सकता है। जब वह इसे हासिल करने के लिए लक्ष्य की शक्ति का प्रयोग करेगा और सफल हो जाएगा, तो अगली बार वह दस सोने के सिक्के कमाने के लिए उन्हीं तरीक़ों का प्रयोग कर सकता है। फिर बीस सिक्को के लिए और बाद में एक हज़ार सिक्को के लिए। और देखते ही देखते वह अमीर बन जाएगा।

        जब मनुष्य अपने काम में ज़्यादा कुशल बनता है, तो वह अपनी कमाने की क्षमता को भी बढ़ा लेता है। हमारे पास जितना ज्ञान होता है, हम उतना ही ज़्यादा कमा सकते हैं। जो व्यक्ति अपनी कला में ज़्यादा निपुणता हासिल करने की कोशिश करता है, उसे उसके अच्छे पुरस्कार मिलते हैं। अगर वह कारीगर है, तो वह अपने व्यवसाय के बहुत योग्य व्यक्ति से सीख सकता है। अगर वह कानून या उपचार के क्षेत्र में मेहनत करता है, तो वह अपने व्यवसाय के बाक़ी लोगों से विचार-विमर्श कर सकता है या उनकी सलाह ले सकता है। अगर वह व्यापारी है, तो वह लगातार अच्छी चीज़ों की तलाश कर सकता है, जिन्हें कम क़ीमतों पर ख़रीदा जा सके।

☝यह summary है "Babylon Ka Sabse Amir Aadmi (The Richest Man in Babylon)" By George S. Clason book की। यदि detail में पढ़ना चाहते है तो इस book को यह से खरीद सकते है 👇

Post a Comment

Previous Post Next Post