सर्वोत्तम बनने की इच्छा शक्ति को विकसित करें | Hindi Motivational Story
सर्वोत्तम बनने की इच्छा शक्ति को विकसित करें | Hindi Motivational Story |
फिर राजकुमार ने विशाल वट वृक्ष से यही प्रश्न किया। उस ने उत्तर दिया सुबह-सुबह जो पक्षी मधुर गीत
गाकर आपको उठाते हैं, वह चहचहाते पक्षी मेरी शाखाओं पर आराम करते हैं। मेरी फैली शाखाओं के नीचे ही
आपकी भेड़ व गाय-भैंसें आराम करती है।' 'शाबाश' - राजकुमार ने कहा ।
अब राजकुमार ने घास से पूछा - तुम मेरे लिए क्या कर रही हो?' घास ने उत्तर दिया - 'आपकी भेड़ें व गाय
को पुष्ट बनाने के लिए हम अपना बलिदान देते हैं। राजकुमार प्रश्न्न होकर बोले, 'बहुत अच्छा।
इसके बाद राजकुमार ने एक नन्हें डेजी फूल से पूछा नन्हें मियां, तुम मेरे लिए क्या कर रहे हो?' डेजी ने कहा- कुछ नहीं। मैं आपको मीठे फल नहीं देता, आपके पक्षियों का घोंसला बनाने लायक स्थान नहीं दे सकता। यदि मैं कुछ कर सकता हूँ तो वह यह है कि जितना हो सके, मैं एक सर्वोत्तम नन्हा डेजी बनूं। ये शब्द राजकुमार के दिल को छू गये। घुटनों के बल झुककर उन्होंने नन्हें डेजी को चूम लिया और कहा शाबाश! नन्हें फूल।
तुम-जैसा और कोई नहीं है। मैं तुम्हें हमेशा अपने परिधान के बटन-होल में लगाऊंगा, ताकि मुझे यह महान्
सच्चाई हमेशा याद रहे कि मैं जहां तक हो सके अपने अंदर सर्वोत्तम बनने की इच्छा शक्ति को विकसित कर सकू। यह मेरे जीवन की बड़ी उपलब्धि होगी।'
सबक:👇
ऊँची उपलब्धि हासिल करने के लिए हमें अपनी इच्छा-शक्ति को विकसित करने की प्रेरणा किसी से मिलसकती है, बशर्ते हम हर समय अपनी जागरूकता बनाए रखें। यह तभी संभव है जब हमारा नजरिया सकारात्मक है। इस प्रसंग में राजकुमार ने प्रकृति के सौंदर्य से विमुग्ध होकर स्वयं सर्वोत्तम बनने की इच्छा-शक्ति को अपने अंदर विकसित किया।