दूसरों में 'अच्छाइयाँ' ढूंढ | Hindi Motivational Story
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Dusro Mai Achaiya Dhude | दूसरों में 'अच्छाइयाँ' ढूंढ | Hindi Motivational Story |
वह उस स्त्री को नीचे उतारने के लिए आगे बढ़ा ही था कि उन्होंने सहज भावपूर्ण शब्दों में उससे कहा -अरे नहीं, इसको भी जी भरकर जगन्नाथ जी के दर्शन करने दो, इस देवी के तन-मन-प्राण में कृष्ण समा गए हैं, तभी यह इतनी तन्मयी हो गई कि इसको न तो अपनी देह और मेरी देह का ज्ञान रहा..अहा! इसकी तन्मयता तो धन्य है.. इसकी कृपा से मुझे भी ऐसा व्याकुल प्रेम हो जाए।
निष्कर्ष :👇
काम करते समय दूसरों की गलतियों की बजाय अच्छाइयां ढूंढना अपनी आदत में लें, जिससे हमारे काम कीगुणवत्ता बढ़े और समय की बचत हो। साथ में यह आदत हमारे शिष्ट-व्यवहार को दर्शाएगी।