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जरा-सी देरी हमारा बना-बनाया खेल बिगाड़ सकती है | Hindi Motivational Story

जरा-सी देरी हमारा बना-बनाया खेल बिगाड़ सकती है | Hindi Motivational Story

जरा-सी देरी हमारा बना-बनाया खेल बिगाड़ सकती है | Hindi Motivational Story
जरा-सी देरी हमारा बना-बनाया खेल बिगाड़ सकती है | Hindi Motivational Story

         Hello Friends,आपका स्वागत है learningforlife.cc में। लंदन की चर्चित मिनिस्ट्री में सर एडवर्ड टॉमस निर्माण एवं यातायात मंत्री थे। एक बहुत बड़े निर्माण कार्य को संपन्न कराने के लिए उनके विभाग ने टेंडर निकाले। टेंडर भरने वालों में सर टॉमस का एक सहपाठी भी था। वह टॉमस से मिला। टॉमस ने कहा- 'तुम सारी औपचारिकताएं पूरी कर दो, मैं तुम्हारे टेंडर पास कराने का पूरा प्रयास करूँगा, पर कार्य समय पर पूरा होना चाहिए।

       सर टॉमस समय का Strictly पालन करते थे। सहपाठी प्रसन्न हो गया। उसका टेंडर मंजूर हो गया। सर टॉमस ने उसे फोन पर सूचित किया कि वह आदेश-पत्र ले जाय, जिसके लिए दोपहर एक बजे का समय निश्ति हुआ।

       मित्र सर टॉमस के कार्यालय पहुँचा। उस समय घड़ी में एक बजकर दो मिनट हो चुके थे। सर टॉमस अपने
कार्यालय में मौजूद थे, उन्हें मित्र के आने की सूचना मिली। उन्होंने घड़ी की ओर देखा और इंटरकाम पर अपने पी.ए. को सूचना दी- 'उनसे कहिए, उनका टेंडर रिजेक्ट हो गया है। यह सुनते ही मित्र घबड़ा गया। उसने
रिसेप्शन से ही फोन किया और उनसे बोला, 'डियर फ्रेंड, क्या बात हो गई? पहले स्वीकृत, अब अस्वीकृत!'

'कुछ बात नहीं, टेंडर नामंजूर हो गया।

'मगर क्यों? आपने तो कहा था कि....

'कहा था लेकिन तुम समय पर कार्य पूरा नहीं कर सकोगे'- सर टॉमस ने कहा।

सर, मैं हर हालत में कार्य समय पर पूरा करूँगा।

'मुझे विश्वास है, तुम नहीं करोगे। तुमहे एक बजे का समय दिया था, दो मिनट लेट हो। जाहीर है, तुम समय 
पर कार्य पूरा नहीं करोगे।

'अरे, तुम मेरा.....'

प्लीज, लीव इट, कहकर रिसीवर रख दिया।

जरा-सी देर के कारण मित्र को गोल्डन चांस गंवाना पड़ा और वह निराश होकर लौट गया।

निष्कर्ष :


          जिस व्यक्ति की दृष्टि में समय की कीमत नहीं है, वह बात का धनी नहीं होता है, क्योंकि उसका जीवन अव्यवस्थित रहता है और वह अपने कार्य को समय पर कभी पूरा नहीं कर सकता। उसका जीवन असफल कहलाता है।

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