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समय प्रबंधन के 30 नियम | समय का सही उपयोग कैसे करें | Time Management Book Summary In Hindi

समय प्रबंधन के 30 नियम | Time Management Book Summary In Hindi

समय प्रबंधन के 30 नियम | समय का सही उपयोग कैसे करें | Time Management Book Summary In Hindi
समय प्रबंधन के 30 नियम | समय का सही उपयोग कैसे करें | Time Management Book Summary In Hindi 

Hello Friends,आपका स्वागत है learningforlife.cc में।आपने एक कहावत तो सुनी होगी "जो लोग समय की इज्जत नहीं करते ,समय उनकी इज्जत नहीं करता"। जो व्यक्ति समय का सही इस्तेमाल नहीं करता है.
उसका पूरा जीवन अस्त व्यस्त रहता है और वह कभी भी एक सफल इंसान नहीं बन पाता है। इस पोस्ट में बताया जा रहा है कि समय का सही उपयोग कैसे करे :-


1.समय की लॉग बुक रखें


घड़ी को न देखते रहें; वही करें जो यह करती है। चलते रहें।
-सेम्युअल लीवेन्सन

जिस तरह आप पैसों का बजट बनाते हैं, उसी तरह समय का भी बजट बनाएँ। बजट बनाने के लिए आपको यह हिसाब लगाना होता है कि आपका पैसा कहाँ खर्च हो रहा है। समय के मामले में भी यही नीति अपनाएँ। एक डायरी लें और एक सप्ताह तक यह रिकॉर्ड रखें कि आप किस काम में कितना समय खर्च कर रहे हैं।


2.आर्थिक लक्ष्य बनाएँ


लक्ष्य से आपकी योजना को आकार मिलता है, योजना से आपके कार्य तय होते हैं, कार्यों से परिणाम हासिल होते हैं और परिणाम से आपको सफलता मिलती है। और यह सब लक्ष्य से शुरू होता है।
-शैड हेल्म्सटेटर

अ्गर आपका कोई लक्ष्य ही नहीं है, तो आपकी सफलता संदिग्ध है। अगर आप यही नहीं जानते कि आप कहाँ पहुँचना चाहते हैं, तो आप कहीं नहीं पहुँच सकते। जैसे, किसी यात्रा पर जाने से पहले आपको यह पता होना चाहिए कि आप कहाँ जाना चाहते हैं, उसी तरह आपको यह भी पता होना चाहिए कि आर्थिक क्षेत्र में आप कहाँ पहुँचना चाहते हैं।

3.सबसे महत्वपूर्ण काम सबसे पहले करें


मूर्ख व्यक्ति जो काम अंत में करता है, बुद्धिमान व्यक्ति उस काम को तत्काल कर देता है। दोनों एक ही काम करते हैं; फ़र्क सिर्फ समय का होता है।
-बालतेसर ग्रेशियन

हमारे महत्वपूर्ण काम सिर्फ इसलिए नहीं हो पाते, क्योंकि हम महत्वहीन कामों में उलझे रहते हैं। महत्वाकांक्षी व्यक्ति को इस बारे में सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि सफलता पाने के लिए यह आवश्यक है कि महत्वपूर्ण काम पहले किए जाएं।

4.यात्रा के समय का अधिकतम उपयोग करें


सफल व्यक्ति ऐसे काम करने की आदत डाल लेता है, जिन्हें असफल लोग नहीं करना चाहते। हालांकि सफल व्यक्तियों को भी वे काम अच्छे नहीं लगते हैं, लेकिन उद्देश्य को याद रखते हुए वे नापसंद कार्यों से मुँह नहीं मोड़ते।
- ई. एम. ग्रे

आज हर व्यक्ति बहुत सी यात्राएं करता है, जिनमें उसका बहुत समय लगता है। फ़र्क सिर्फ इतना होता है कि जहाँ आम व्यक्ति यात्रा के समय में हाथ पर हाथ धरकर बैठता है या फ़ोन पर गाने सुनता है या दुसरो से फालतू  की बाते करता है। वहीं सफल व्यक्ति अपने बहुमूल्य समय का अधिकतम उपयोग करता है।

5.काम सौंपना (डेलीगेशन) सीखें


टाइम मैनेजमेंट दरअसल बहुत से छोटे बिज़नेस मालिकों के लिए समस्या होती है और इसका कारण यह है कि उन्हें बहुत सारा काम खुद करना पड़ता है छोटे कामों से लेकर बड़े कामों तक सब कुछ।
-नॉर्मन स्कैरबरो

कोई भी इंसान सब कुछ नहीं कर सकता। हर व्यक्ति यह चाहता है कि अपने महत्वपूर्ण काम वह खुद करे, लेकिन एक निश्चित ऊँचाई पर पहुँचने के बाद प्रगति करने के लिए दूसरों को काम सौंपना अनिवार्य हो जाता है।

6.पैरेटो के 20/80 के नियम को जानें


व्यस्त होना ही काफ़ी नहीं है; व्यस्त तो चींटियाँ भी होती हैं। सवाल यह है कि आप किस काम में व्यस्त हैं।
-थोरो

 पैरेटो के अनुसार 'आपकी 20 प्रतिशत प्राथमिकताएँ आपको 80 प्रतिशत परिणाम देगा, बशर्ते आप अपने 20 प्रतिशत प्राथमिकताओं पर अपना समय, ऊर्जा, धन और कर्मचारी लगाएँ।' यानी हमें अपने 80 प्रतिशत परिणाम 20 प्रतिशत समय से मिलते हैं।

7.पार्किन्सन के नियम का लाभ लें


बुरी खबर यह है कि समय उड़ता है। अच्छी खबर यह है कि आप इसके पायलट हैं।
- माइकल आल्थसुलर

 पार्किन्सन का नियम है, 'काम उतना ही फैल जाता है, जितना उसके लिए समय होता है। "इसका अर्थ यह है कि हमारे पास जितना काम होता है, हमारा समय भी उसी के अनुरूप फैलता या सिकुड़ता है। यानी अगर हम कम समय में ज्यादा काम करने की योजना बनाएंगे, तो समय फैल जाएगा और वे सारे काम उसी अवधि में पूरे हो जाएंगे। दूसरी ओर, अगर हम उतने ही समय में कम काम करने की योजना बनाएंगे, तो समय सिकुड़ जाएगा और उतनी ही अवधि में हम कम काम कर पाएंगे।

8.अपने प्राइम टाइम में काम करें


सबसे महत्वपूर्ण चीजें सबसे महत्वहीन चीज़ों की दया पर कभी नहीं छोड़ी जानी चाहिए।
-गेटे

टेलीविज़न पर प्राइम टाइम में-यानी रात आठ बजे से दस बजे तक विज्ञापन की कीमत सबसे ज्यादा होती है। विज्ञापन उतने ही समय का रहता है, परंतु इसकी कीमत बढ़ जाती है क्योकि इसे ज्यादा दर्शकों द्वारा देखा जाता है।

टेलीविज़न के प्राइम टाइम से हम यह सीख सकते हैं। कि हमारे-आपके लिए भी दिन के चौबीसों घंटे एक से नहीं होते। दिन के किसी खास समय आपकी ऊर्जा, विचार-शक्ति, उत्साह और कार्यक्षमता बाकी समय की तुलना में अधिक होती है। यह आपका प्राइम टाइम है।

9.स्वयं को व्यवस्थित करें


जो व्यक्ति एक घंटा भी बर्बाद करने की हिम्मत करता है, वह जीवन के मूल्य को नहीं समझ पाया है।
-चार्ल्स डार्विन

अव्यवस्थित जीवन हमारे सामने कई मुश्किलें खड़ी कर देता है। इनमें से एक मुश्किल यह है कि हमारा समय न चाहते हुए भी अनावश्यक रूप से बर्बाद होता है और दुखद बात यह है कि हम खुद ही इसके लिए दोषी होते हैं।

10.टाइम टेबल बनाएं


हमारे पास समय की सबसे ज़्यादा कमी होती है, परंतु इसी का हम सबसे ज्यादा दुरुपयोग करते हैं।
-विलियम पेन

जिस तरह पैसे की बर्बादी को रोकने के लिए बजट बनाना जरूरी है, उसी तरह समय की बर्बादी को रोकने के लिए टाइम टेबल बनाना जरूरी है।


11.कर्म में जुट जाएँ


समय की रेत पर क़दमों के निशान बैठकर नहीं बनाए जा सकते।
-कहावत

बेहतरीन लक्ष्यों और सर्वश्रेष्ठ योजनाओं के बावजूद आप असफल हो सकते हैं, बशर्ते आप उन पर अमल न करें। कर्म ही वह जादुई तत्व है, जो आपको स्थायी सफलता दिलाता है।

12.अपनी कार्यक्षमता बढ़ाएँ


कुशलता किसी बक्से में चीज़ों को पैक करने की तरह है। अच्छी तरह पैक करने वाला बुरी तरह पैक करने वाले की तुलना में दुगुनी चीज़ें पैक कर सकता है।
- रिचर्ड सेसिल

यदि आपको टाइपिंग आती है,तो उस वक़्त को याद करें, जब आपने पहली बार टाइपिंग शुरू की थी। तब आप कितनी तेज़ी से टाइप कर सकते थे? शायद पाँच शब्द प्रति मिनट। और अब क्या स्थिति है? शायद तीस शब्द प्रति मिनट। ज़मीन-आसमान का फ़र्क है! ऐसा क्यों? क्योंकि आपने टाइपिंग सीखी,आपने निरंतर अभ्यास किया, आपने शॉर्टकट कीज़ का उपयोग किया, जिसका नतीजा यह हुआ कि आपकी टाइपिंग की गति बढ़ गई। समय के क्षेत्र में भी आपको यही करना है। यहाँ भी आपको अपनी कार्य-क्षमता बढ़ाना है, ताकि आप उतने ही समय में दोगुना काम कर पाएँ।

13.डेडलाइन तय करें


अगर आख़िरी मिनट की डेडलाइन नहीं होती, तो बहुत सारी चीजें कभी नहीं हो पातीं।
-माइकल एस. ट्रेलर

डेडलाइन यानी आख़िरी समय-सीमा। डेडलाइन दरअसल पुराने ज़माने में किसी जेल के चारों ओर खिंची उस लाइन को कहा जाता था, जिसके आगे जाने पर कैदियों को गोली मार दी जाती थी। आजकल डेडलाइन पार करने पर आपकी जान तो नहीं जाती,अलबत्ता आपकी प्रतिष्ठा और करियर में तरक्की के अवसर ज़रूर चले जाते हैं। इसलिए डेडलाइन को गंभीरता से लें!

14.समय खरीदना सीखें


एक इंच सोने से भी एक इंच समय नहीं ख़रीदा जा सकता।
-चीनी सूक्ति

आप पैसेंजर ट्रेन से यात्रा करना पसंद करते हैं या सुपरफ़ास्ट ट्रेन से? देखिए,पैसेंजर ट्रेन की यात्रा में समय ज्यादा लगता है, लेकिन किराया कम होता है इसकी यात्रा वे लोग करते है जिनके पास समय ही समय है। दूसरी ओर, व्यस्त लोग सुपरफ़ास्ट ट्रेन से यात्रा करते हैं, क्योंकि उन्हें समय की कमी रहती है और वे बचे हुए समय का सदुपयोग कर सकते हैं। बेहद व्यस्त लोग हवाई जहाज से यात्रा करते हैं, क्योंकि उनका समय और भी ज्यादा कीमती होता है। जिस व्यक्ति का समय जितना क़ीमती होता है, वह उसे बचाने के लिए उतने ही ज़्यादा पैसे खर्च करने को तैयार रहता है।

15.भावी लाभ के लिए वर्तमान में त्याग करें


हमारी दुविधा समय की कमी से ज्यादा गहरी है; यह मूलतः प्राथमिकताएँ तय करने की समस्या है। हमें इस बात का एहसास होता है कि हमने वे काम नहीं किए, जो हमें करने चाहिए थे और वे कर दिए, जो हमें नहीं करने चाहिए थे।
-चार्ल्स ई. मेल

समय के मामले में हम सभी के पास विकल्प होता है। हम चाहें, तो इसका दुरुपयोग कर सकते हैं। हम चाहें, तो इसका सदुपयोग कर सकते हैं। हम चाहें, तो वर्तमान पल को मौज मस्ती में बर्बाद कर सकते हैं। हम चाहें, तो वर्तमान पल को सुनहरे भविष्य की सीढ़ी बना सकते हैं। हम चाहें, तो आलस में आकर न्यूनतम काम कर अधिकतम आराम कर सकते हैं। हम चाहें, तो कर्मठता से अधिकतम काम करके अपने समय का निवेश कर सकते हैं। हर सफल व्यक्ति भावी लाभ के लिए वर्तमान समय का निवेश करता है। जिस तरह कंपनियाँ भावी सफलता के लिए पूँजी का निवेश करती हैं, उसी तरह व्यक्ति भावी सफलता के लिए समय का निवेश करते हैं।

16.निश्चित समय पर काम करें


हमारे शरीर में एक घड़ी होती है, जिसे बायोलॉजिकल क्लॉक कहा जाता है। जब आप निश्चित समय पर काम करने की आदत डाल लेते हैं, तो आपका शरीर उसी अनुसार ढल जाता है। यदि आप हर दिन दोपहर डेढ़ बजे खाना खाते हैं, तो आपको उस समय अपने आप भूख लगने लगेगी। यदि आप हर दिन रात को दस बजे सोते हैं, तो आपको उस समय अपने आप नींद आने लगेगी। यह बायोलॉजिकल क्लॉक है, जो आपसे निश्चित समय पर निश्चित काम करवा रही है; बस आपको आदत डालकर इसमें चाबी भरनी पड़ती है।

17.समय की बर्बादी के गुरुत्वाकर्षण नियम को जाने


आम अमेरिकी कर्मचारी के कामकाज में एक दिन में पचास व्यवधान आते हैं, जिनमें से सत्तर प्रतिशत का उसके काम से कोई संबंध नहीं होता।
-डब्ल्यू. ऐडवर्ड्स डेमिंग

येदि आप हवा में छलाँग लगाएँ, तो क्या होगा? पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण आप नीचे आ जाएँगे। यही
समय के मामले में भी होता है। जैसे ही आप कोई महत्वपूर्ण काम शुरू करते हैं, वैसे ही बाधाओं की गुरुत्वाकर्षण शक्ति सक्रिय हो जाती है और आपको नीचे धकेलने लगती है। वे आपसे कोई दूसरा काम करने को कहेंगे, कोई आपसे मिलने आ जाएगा, किसी का फ़ोन आ जाएगा, बॉस आपको कोई अति आवश्यक काम थमा देगा, पत्नी बाजार से कोई जरूरी सामान गाएगी, बच्चे होमवर्क में आपसे मदद माँगेंगे। यह और कुछ नहीं, गुरुत्वाकर्षण का नियम है।

18.न्यूटन के गति के पहले नियम का लाभ लें


आप 10 मिनट में बहुत कुछ कर सकते हैं। ये 10 मिनट अगर चले गए, तो हमेशा के लिए चले जाएँगे। अपने जीवन को 10 मिनट की इकाइयों में बाँट दें और निरर्थक गतिविधियों में न्यूनतम समय बर्बाद करें।
-इंगवार काम्परेड

न्यूटन का गति का पहला नियम कहता है : जो चीज़ जिस अवस्था में है, उसी में बनी रहती है, जब तक कि उस पर बाहरी बल का प्रयोग न किया जाए। यह वस्तुओं पर ही नहीं, व्यक्तियों पर भी लागू होता है। आप जिस अवस्था में हैं, उसी में रहेंगे, जब तक कि बाहरी बल का प्रयोग न हो। यह बाहरी बल कहाँ से आता है : या तो दूसरों के दबाव से या फिर आपके अनुशासन से, आपकी स्व-प्रेरणा से।

19.यह महत्वपूर्ण नहीं है कि आपने कितने समय काम किया; महत्वपूर्ण तो परिणाम हैं


गति और प्रगति में गफ़लत न करें। बच्चों का आगे-पीछे हिलने वाला घोड़ा गति तो करता है, लेकिन प्रगति नहींकरता।
-अल्फ्रेड ए. मोन्टापर्ट

कर्मचारी के लिए महत्वपूर्ण पैमाना यह है कि उसने कितने समय काम किया, जबकि कंपनी के मालिक के लिए महत्वपूर्ण पैमाना यह है कि उसने कितना मूल्यवान परिणाम दिया।आपका क्षेत्र चाहे जो हो, सबसे सफल लोगों का ध्यान हमेशा परिणाम पर केंद्रित होता है। वास्तविक संसार में महत्वपूर्ण यह नहीं होता कि आपने कितने समय काम किया। महत्वपूर्ण तो यह होता है कि उसका परिणाम क्या निकला।

20.तय करें कि कौन सा काम कब करना है


मैंने यह सीखा है कि हम कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन हम सब कुछ नहीं कर सकते... कम से कम एक समय में तो नहीं। इसलिए प्राथमिकताओं के बारे में सोचते समय आपका ध्यान इस बात पर केंद्रित नहीं होना चाहिए कि आप कौन से काम करते हैं, बल्कि इस बात पर होना चाहिए कि आप उन्हें कब करते हैं। टाइमिंग ही सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है।
-डैन मिलमैन

जिस तरह सभी जूते एक नाप के नहीं होते, उसी तरह सभी काम भी एक समान नहीं होते। कुछ काम महत्वपूर्ण होते हैं, जिनमें ज़्यादा समय और एकाग्रता की ज़रूरत होती है। कुछ काम छोटे होते हैं, जिन्हें आसानी से कभी भी पूरा किया जा सकता है। और कुछ काम ऐसे होते हैं, जिन्हें आप नहीं, कोई भी कर सकता है। यहीं टाइम मैनेजमेंट काम आता है। आप महत्वहीन काम दूसरों से करवा सकते हैं और समय ख़रीद सकते हैं।

21.सुबह जल्दी उठे


सुबह का पहला घंटा पूरे दिन की दिशा तय करता है।
-हेनरी वार्ड बीचर

'जो जल्दी सोता है, जल्दी उठता है, उसके पास स्वास्थ्य, पैसा और बुद्धि रहती है।' इस कहावत को आज के युग में जितना नज़रअंदाज़ किया गया है, उतना किसी दूसरी कहावत को नहीं किया गया। सुबह देर से उठने पर आपके पास दूसरे कामों के लिए तो समय रहता है, अपने लिए समय नहीं रहता।

22.एक घंटा व्यायाम करें 


जो लोग सोचते हैं कि उनके पास शरीर के व्यायाम के लिए समय नहीं है, उन्हें देर-सबेर बीमारी के लिए समय निकालना पड़ेगा।
-एडवर्ड स्टेनले

आपको हर दिन एक घंटा खुद के लिए निकालना चाहिए और इस एक घंटे में आपको अपने शरीर की देखभाल करनी चाहिए। अपने स्वास्थ्य और सौंदर्य की देखभाल करने के लिए एक घंटे का समय ज़्यादा नहीं है। आख़िर शरीर की बदौलत ही तो आप अपने सारे काम कर रहे हैं। अगर यही स्वस्थ न रहे, तो आप इस सुंदर संसार का आनंद कैसे ले पाएंगे?

23.टी.वी. के संदर्भ में सावधान रहें


इससे ज्यादा निरर्थक कुछ नहीं है कि आप वह काम कुशलता से करें, जिससे किया ही नहीं जाना चाहिए।
-पीटर ड्रकर

टी.वी. के कारण आज जितना समय बर्बाद हो रहा है, उतना इतिहास में कभी किसी दूसरी वजह से नहीं हुआ,
टी.वी. के कई दुष्प्रभाव होते हैं, लेकिन हम यहाँ पर केवल समय की बर्बादी के बारे में बात करेंगे। एक सर्वे में यह पाया गया कि लोग हर सप्ताह लगभग 17 घंटे टीवी. देखते हैं यानी लगभग ढाई घंटे प्रति दिन। इसका मतलब है कि लोग हर दिन अपने पास उपलब्ध सक्रिय समय का 20 प्रतिशत हिस्सा टी.वी. देखने में गँवा रहे हैं।

24.मोबाइल का न्यूनतम उपयोग करें


गुमशुदा : कल, सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच के दो सुनहरे घंटे, जिनमें हीरे के साठ मिनट जड़े थे। खोजने वाले को कोई इनाम नहीं दिया जाएगा, क्योंकि वे हमेशा-हमेशा के लिए चले गए हैं।
-होरेस मैन

ज़रा सोचें कि कुछ साल पहले जब मोबाइल नहीं थे, तब भी हमारा जीवन अच्छी तरह चल रहा था। यह भी विचार करें कि मोबाइल युग में कदम रखने के बाद हमारा कितना सारा क़ीमती समय निरर्थक चीज़ों में बर्बाद हो जाता है। आज के युवा मोबाइल पर गाने सुनने,चैटिंग करने और बातचीत करने में इतने खोए रहते हैं कि उनके पास कुछ सोचने की फुरसत ही नहीं रह गई है। जहाँ समय ख़ाली मिला, मोबाइल चालू हो जाता है। और तो और, क्लासरूम में भी विद्यार्थी मोबाइल पर मैसेज भेजते रहते हैं। मोबाइल हमारे समय के सबसे बड़े शत्रुओं में से एक है, क्योंकि यह हमें महत्वहीन कामों में उलझा देता है और महत्वपूर्ण काम करने से रोकता है।

25.इंटरनेट पर समय बर्बाद न करें


सफलता और असफलता के बीच की बड़ी विभाजक रेखा सिर्फ पाँच शब्दों में बताई जा सकती है : मेरे पास समय नहीं था।
-फ्रैंकलिन फ़ील्ड

ज़्यादातर लोग इंटरनेट को वरदान मानते हैं, लेकिन ज़रा ठहरें, इंटरनेट अभिशाप भी साबित हो सकता है। देखिए, हर अच्छी चीज़ की तरह ही इंटरनेट का भी दुरुपयोग हो सकता है और होता है। यक़ीन न हो, तो उन माता-पिता से पूछ लें, जिनके बच्चे इंटरनेट पर घंटों तक ऑनलाइन गेम्स खेलते हैं या उन युवाओं से पूछ लें, जो घंटों तक कंप्यूटर पर अनावश्यक सर्फ़िग करते रहते हैं। इसमें इंटरनेट का कोई दोष नहीं है। इंटरनेट पर तो हर प्रकार की जानकारी उपलब्ध है और यह आप पर है कि आप उसका कैसा उपयोग करते है।

26.आलस से बचें


आलस वह मृत सागर है, जो सभी सद्गुणों को लील लेता है।
-बेंजामिन फ्रैंकलिन

समय बचाने के लिए आपको आलस से बचना चाहिए। जब भी सामने कोई मुश्किल काम आता है, तो हम आलस करने लगते हैं और उसे टाल देते हैं। लेकिन टालमटोल करने के अलावा भी आलस के कई कारण होते हैं। आलस का एक अहम कारण वह है, जिसे अधिकांश लोग अनदेखा कर देते हैं : ज़रूरत से ज़्यादा भोजन करना।

27.टालमटोल न करें


सच तो यह है कि लोग आम तौर पर अपने मनपसंद काम को करने का समय निकाल सकते हैं। कमी दरअसल समय की नहीं, बल्कि इच्छा की होती है।
-सर जॉन लुबॉक

हम सभी कभी न कभी टालमटोल करते हैं। आज के काम को कल पर टाल देते हैं। कारण यह होता है कि कभी हमारा मूड नहीं होता, तो कभी काम मुश्किल लगता है। इसका एक नुकसान तो यह है कि आप कल के समय को गिरवी रख देते हैं। जिस काम को आप आज ही निबटा सकते हैं, उसे कल पर टाल देने से आप कल के बोझ को और ज्यादा बढ़ा देते हैं। आज का काम आज ही निबटाएँ, ताकि आने वाले कल पर बोझ न पड़े। संभव हो, तो आने वाले कल के कुछ काम भी आज ही निबटा लें, ताकि कल के दिन आप पर दबाव कम हो जाए और आप उसमें नए काम कर लें।

28.अगले दिन की योजना बनाकर अवचेतन मन की शक्ति का लाभ लें


युवावस्था में मैंने देखा कि मेरे दस में से नौ काम असफल हो जाते हैं। चूँकि मैं जीवन में असफल नहीं होना चाहता था, इसलिए मैंने दस गुना ज्यादा काम किए।
-जॉर्ज बर्नार्ड शॉ

आदर्श स्थिति तो यह रहता है कि आप अगले दिन की योजना एक दिन पहले रात को बना लें। एक दिन पहले
योजना बनाने का लाभ यह होता है कि आपको अवचेतन मन की शक्ति का लाभ मिल जाता है। यह साबित हो चुका है कि हमारे भीतर दो मन होते हैं : चेतन मन और अवचेतन मन। चेतन मन यानी वह मस्तिष्क, जो सोचता है और जिसके बारे में हम जागरूक होते हैं। दूसरी ओर, हमारे भीतर एक अवचेतन मन भी होता है, जो हमें दिखाई तो नहीं देता है, लेकिन यह हमें जल्दी से और सही तरीके से काम पूरा करने के नए-नए तरीके सुझा सकता है। (Detail में जाने)

29.बुरी लतों से बचें


उस व्यक्ति का कितना सारा समय बच जाता है, जो इस बात पर नज़र नहीं रखता कि उसका पड़ोसी क्या कहता, करता या सोचता है।
-मार्कस ऑरेलियस

शराब और सिगरेट आपके शरीर के लिए तो घातक हैं ही, आपके समय के लिए भी कम घातक नहीं है।अनुमान है कि युवा वर्ग एक सिगरेट पीने में लगभग आधा घंटे का समय बर्बाद करता है वैसे तो सिगरेट पीने में 5 मिनिट लगते है लेकिन वह पान की दुकान तक जाता है, फिर वहाँ सिगरेट पीते समय बातचीत करने लगता है और यार-दोस्तों के साथ फ़ालतू की बातों में समय कैसे बीत जाता है, उसे पता ही नहीं चलता।

शराब तो समय को और भी ज्यादा बर्बाद करती है। एक तो शराब पीने में बहुत समय लगता है। दूसरे, पीने
के बाद आदमी किसी काम का नहीं रहता। वह न कुछ कर सकता है। यही नहीं, शराब पीने से अगला दिन भी ख़राब होता है, क्योंकि इसकी वजह से अगली सुबह सिरदर्द या हैंग ओवर हो जाता है, जो दोपहर तक चलता है। शराब की आदत छोड़ने से हमारा बहुत सा समय बच जाता है।

30.सापेक्षता के नियम को समझें।


किसी सुंदर युवती से रोमांटिक बातें करते समय एक घंटा एक सेकंड की तरह लगता है। सुर्ख अंगारे पर एक सेकंड बैठना भी एक घंटे की तरह लगता है। यही सापेक्षता है।
-अल्बर्ट आइंस्टीन

सापेक्षता का नियम समय के संदर्भ में भी बहुत महत्वपूर्ण है। समय वही रहता है, बस हमारा नज़रिया बदल जाता है। आपने प्राय: देखा होगा, बच्चे जब वीडियो गेम खेलते हैं, तो उन्हें भूख-प्यास का एहसास ही नहीं होता, उन्हें पता ही नहीं चलता कि कब दो घंटे गुज़र गए। दूसरी ओर, जब बच्चे पढ़ते हैं, तो उन्हें सौ काम याद आ जाते हैं और पंद्रह मिनट में ही उन्हें ऐसा लगता है कि बहुत समय हो गया। यह सापेक्षता के नियम के कारण होता है।

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