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अपनी सुनो, दूसरों को छोड़ो | Hindi Motivational Story

अपनी सुनो, दूसरों को छोड़ो | Hindi Motivational Story

अपनी सुनो, दूसरों को छोड़ो | Motivational Story
अपनी सुनो, दूसरों को छोड़ो | Motivational Story

        💕Hello Friends,आपका स्वागत है www.learningforlife.cc में। गर्मी का समय था। एक बाप अपने बेटे के साथ घोड़े की लगाम पकड़े पैदल चला जा रहा था। कुछ दूर चलकर पिता ने पुत्र को घोड़े पर बैठा दिया और स्वयं पैदल चल दिया। दो यात्री उधर से निकल रहे थे। पुत्र को घोड़े पर सवार देखकर एक ने कहा-कैसा नालायक बच्चा है? बाप पैदल चल रहा है और खुद घोड़े पर बैठा है। 

        लड़का स्वाभिमानी था, उसे यह बात चुभ गई। वह चुपचाप घोड़े से नीचे उतर गया। अपने पिताजी से बोला-बापू, आप बैठिए घोड़े पर और लड़का पैदल चलने लगा। आगे जाने पर कुछ और लोग मिले और बोले-कैसा बाप है, जो बच्चे को पैदल चला रहा है और खुद लाट साहब बना घोड़े पर बैठा है? इस बात से पिता को धक्का लगा और घोड़े से उतर कर पैदल चलने लगा। कुछ और आगे बढ़कर तीसरे प्रकार के लोग मिले और बोले-देखो, कैसे मूर्ख लोग हैं? घोड़ा होते हुए भी पैदल चले जा रहे हैं। 

        अब पिता ने पुत्र से कहा-चल बेटा, हम दोनों इस पर बैठ जाते हैं। आगे चलकर दोनों ने किसी के इस व्यंग्य को भी सुना-अरे इस घोड़े को मारने का इरादा है क्या? पिता व पुत्र दोनों घबराकर नीचे उतर आए और एक पेड़ की छांव में बैठ गए। वे सोचने लगे, क्या किया जाए? यह दुनिया तो किसी हाल में हमको जीने नहीं देती।

        पिता सारी स्थिति पर गौर करके पुत्र को समझाते हुए बोला- बेटा, आज से एक बात गांठ बांध लो। हमेशा भीतर की आवाज सुनना, बाहर की सुनोगे तो किसी मुकाम पर नहीं पहुंच पाओगे?

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