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कौन रोएगा आपकी मृत्यु पर? Who Will Cry When You Die? By Robin Sharma Book Summary In Hindi

कौन रोएगा आपकी मृत्यु पर? Who Will Cry When You Die? By Robin Sharma Book Summary In Hindi

कौन रोएगा आपकी मृत्यु पर? Who Will Cry When You Die? By Robin Sharma Book Summary In Hindi
कौन रोएगा आपकी मृत्यु पर? Who Will Cry When You Die? By Robin Sharma Book Summary In Hindi

💕Hello Friends,आपका स्वागत है learningforlife.cc में। यह Summary है "कौन रोएगा आपकी मृत्यु पर? (Who Will Cry When You Die?)" By Robin Sharma Book की।

1. अपना लक्ष्य खोजिए

Author जब बड़े हो रहे थे उनके पिता ने उनसे कुछ ऐसा कहा जो वे कभी नहीं भूल सकते, “बेटा तुम जब पैदा हुए तो तुम रोए जबकी पूरी दुनिया ने जश्न मनाया। अपना जीवन ऐसे जियो कि तुम्हारी मौत पर पूरी दुनिया रोए जबकि तुम जश्न मनाओ।” हम उस काल में जी रहे हैं जहाँ हम जीवन का अर्थ भूल गए हैं। हमारे पास ई-मेल, फैक्स मशीन और डिजिटल फोन जैसे साधन हैं जिनके द्वारा हम बहुत आसानी से जुड़े रह सकते हैं फिर भी हम उस वक्त में रह रहे हैं जिसमें हम आपस में सबसे कम जुड़े हुए हैं।

अगर हम अपने जीवन का नियन्त्रण अपने हाथ में नहीं लेते हैं तो जीवन हमें नियन्त्रित करने लगता है।
हम सब यहाँ किसी Unique लक्ष्य के लिए हैं, एक ऐसा महान उद्देश्य जो हमें अपनी मानवता के सर्वोच्च गुणों को उजागर करने में मदद दे सके और साथ ही हमारे आस-पास के लोगों के जीवन में कुछ अर्थ जोड़ सके। अपने लक्ष्य को खोजने का यह मतलब नहीं है कि आप वर्तमान के कार्य को छोड़ दें। इसका मतलब है कि आपको अपने काम में उन चीजों पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए जो आप सबसे बढ़िया तरीके से कर सकें और अपनी छाप छोड़ सकें। आपको जिस परिवर्तन की आशा है उसे वास्तविक रूप देने के लिए दूसरे लोंगो की प्रतिक्षा न करें और जैसा कि महात्मा गांधी ने कहा था “उस बदलाव को स्वयं लाने की कोशिश करिए जो दुनिया में देखना चाहते हैं।” और जैसे ही आप यह करेंगे जीवन बदल जाएगा।

2. अपना दृष्टिकोंण बनाये रखिये

आपकी वह परेशानियां जो आप झेल चुके हैं और जिन चुनौतियों का सामना आप फिलहाल कर रहे हैं क्या वे सही में उतनी गम्भीर हैं जितना आप सोच रहे हैं। हम इस ग्रह पर बहुत कम समय के लिए आते हैं। अगर पूरी तरह देखा जाए तो हमारी जिन्दगियां अनन्तकाल की कायनात पर कुछ बूंदो के समान हैं। अतः विवेकपूर्ण तरीके से इसका स्वाद लेकर इस सफर को आनन्ददायक बनाइए।

3. ईमानदारी के मन्त्र का विकास करिए

हम झूठे वादों की दुनिया में रह रहे हैं। हम उस वक्त से गुज़र रहे हैं जब लोग अपने ही दिए हुए वचन को हल्के में लेने लगे हैं। आपको उन झूठों का हिसाब रखना शुरु कर देना चाहिए जो आप एक हफ्ते के समय में बोलते हैं। आप अगले सात दिनों के लिए सत्य का व्रत रखिए और कसम खाइए के दूसरों के साथ अपने कारोबार में आप सत्य का पालन करेंगें और साथ ही खुद के साथ भी ईमानदार रहेंगे। हर बार जब आप सही काम करने से चूक जाते हैं तो आप अपने गलत काम करने की आदत को बढ़ावा देते हैं। हर बार जब आप सच नहीं बोलते हैं तो आप झूठ बोलने को बढ़ावा देते हैं। अपना दिया हुआ वादा अवश्य पूरा करिए। अपनी बात पर अटल रहने वाला व्यक्ति बनिए।

4. अपने दिन की अच्छी शुरुआत करिए

जिस तरह से आप अपने दिन की शुरुआत करते हैं वह यह निर्धारित करता है कि आपका दिन कैसा बीतेगा। जागने के बाद के पहले 30 मिनट को मैं ‘प्लैटिनम 30’ बुलाता हूं क्योंकि वे वास्तव में आपके दिन के सबसे महत्वपूर्ण क्षण होते हैं और आगे आने वाले पलों की श्रेष्ठता पर अत्यन्त गहन प्रभाव डालते हैं। अगर आपके पास यह करने का विवेक और ज्ञान है तो इस प्रमुख समय में आप सिर्फ पवित्र विचारों को मन में लाएं और सर्वोत्तम कार्य करें। आप महसूस करेंगें कि आपका दिन एक शानदार शुरुआत के साथ अनेक सर्वश्रेष्ठ दिशाओं को लेकर आएगा।

5. चिन्ता करने का समय निर्धारित करिए

ज्यादातर लोगो के कार्यक्षेत्र का जीवन इतना व्यस्त हो गया है कि वे अपना खाली समय भी उन चीज़ों के बारे में चिन्ता करने में बिता देते हैं जिन्हें दफ्तर में छोड़कर आना चाहिए। वे अपने परिवारों के सांथ हंसना, प्यार से रहना और उनके साथ प्रसन्नता बाँटना भूल गए हैं क्योंकि काम की चुनौतियों ने उन्हें निगल डाला है।

अगर हम किसी परेशानी से गुजर रहे हैं तो दिन के सारे समय अपना ध्यान उस परेशानी पर रखना बहुत आसान होगा। इसके बजाए आप अपना चिन्ता करने का समय निर्धारित कीजिए जैसे कि शाम के वक्त आधा घण्टा। अपने इस चिन्ता की सभा में आप अपनी परेशानियों में डूब सकते हैं और अपनी कठिनाईंयों पर दुखी हो सकते हैं परन्तु जब वह वक्त समाप्त हो जाता है उसके बाद आपको अपने को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है जिससे आप अपनी मुश्किलों को पीछे छोड़कर परिणामदायक कार्य कर सकें जैसे कि किसी Garden में घूमना, कोई Motivational Book पढ़ना या किसी Best Friend के साथ गुफ्तगू करना।

6. बच्चों को आदर्श बनाइए

हम अपने कार्यक्षेत्र की चुनौतियों, उन बिलों के गठ्ठर पर जो हमें भरने हैं, और समय की कमी जिसका हम सामना करते हैं पर ध्यान देते हैं फिर भी इन कार्यों को पूरा नहीं कर पाते हैं। हमारे विचार हमारे संसार का निर्माण करते हैं और हम जैसा सोचते हैं वही हमारे जीवन में विकसित होता है।

“आप ज्यादातर लोगों को बेहतर समझ सकते हैं और उनसे रिश्ता बना सकते हैं, चाहे वे जितने भी प्रभावशाली हों अगर आप उन्हें बच्चों की तरह समझें। क्योंकि हम में से ज्यादातर लोग वास्तविक रुप से व्यस्क नहीं होते है सिर्फ कद में लम्बे हो जाते हैं। और इसका प्रमाण देने के लिए हम कम हंसते हैं, कम खेलते हैं, और बड़े होने का असुविधाजनक रुप धारण करते हैं परन्तु उस मुखौटे के पीछे एक बच्चा होता है जिसकी ज़रूरतें सरल होती है और जिसका हर दिन अभी भी परी कथाओं को बयान करता है।

7. मन्दिर की हिफ़ाज़त करिए

अगर एक संतुष्ट और सम्पूर्ण जीवन जीना चाहते हैं तो हमें अपने शरीर को एक मन्दिर के समान पवित्र समझना चाहिए। हर रोज Exercise न सिर्फ आपकी Health सुधारेगा बल्कि यह आपको Focus के साथ विचार करने में और आपकी सृजनात्मक विशेषता को भी आगे बढ़ाने में मदद करेगा। साथ ही आपको इस निर्दयी तनाव से भी छुटकारा दिलाएगा जो आजकल हम सबके ऊपर हावी होने लगा है। शोधकार्यों ने यह सिद्ध किया है कि Exercise न सिर्फ आपकी उम्र को जीवन से भर देता है बल्कि आपके जीवन में उम्र जोड़ देता है। हावर्ड के 18,000 पुराने विद्याथिर्यो ने यह पाया कि वह हर घण्टा जो कसरत के लिए दिया जाता है वह उन लोगों के जीवन में तीन घण्टों की बढ़ोत्तरी कर देता है। और याद रखिए कि “जो लोग Exercise के लिए समय नहीं निकालते उन्हें बीमारियों के लिए समय निकालना पड़ता है।”

8. सुबह जल्दी उठें

सुबह जल्दी उठने की आदत एक तोहफ़ा है जो आप अपने आपको देते हैं। कुछ नियम आपके जीवन को एक नया रुप दे देते हैं उनमें से एक है जल्दी उठने का नियम। प्रात:काल के कुछ घण्टे अपने आप में असाधारण होते है। ऐसा लगता है कि समय धीमी गति से बढ़ रहा है और शान्ति की महान भावना जैसे आपके वातावरण में भर जाती है। अगर आप ‘5 बजे की महफिल’ में शामिल हो जाएंगे तो यह आपको अपने दिन का नियन्त्रण लेना सिखाएगा बजाए इसके कि दिन आपको नियन्त्रित करने लगे। ‘बिस्तर के साथ जंग’ को जीतकर, ‘मन को गद्दे’ के मज़े से ऊपर लाकर, और जल्दी उठकर आप अपने आपको कम से कम एक घण्टे की शान्ति का समय दे सकते हैं जो अत्यन्त महत्वपूर्ण है और वह है दिन की शुरुआत! अगर समझदारी से बिताया जाए तो बाकी दिन अपने आप में अद्भुत होगा।

जल्दी उठने की आदत के लिए पहली बात जो याद रखनी चाहिए वह है कि आपकी नींद को परिमाणात्मक न होकर गुणात्मक होना चाहिए। छ: घण्टे की बिना विघ्न की नींद दस घण्टे की बिना आराम की और बीच में उचटने वाली नींद से बेहतर है। यहां चार तरीके दिए जा रहे हैं जिनके द्वारा आप अच्छी नींद ले पाएंगे :-

  • अपने पूरे दिन की प्रक्रियाओं को सोते समय दोहराने की कोशिश मत कीजिए। 
  • आठ बजे के बाद कुछ मत खाइए (कुछ खाना भी है तो सूप लिया जा सकता है।) 
  • सोने से पहले समाचार मत देखिए। 
  • बिस्तर पर लेट कर मत पढ़िए।
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9. एक दिन बिना घड़ी के बिताइए

Author कहते है पिछले कुछ दिनों मैने ऐसा किया जो मैने बहुत सालों से नहीं किया था, मैने अपनी घड़ी घर छोड़ दी और पूरा दिन बिना समय पर ध्यान दिए बिताया। घड़ी के हिसाब से जीने और उस दिन की योजना बनाने के बजाए मैने सिर्फ वह किया जो मेरा मन हुआ और उस क्षण के लिए जिया। मैं एक समय की कठपुतली बने रहने के बजाए एक वास्तविक इन्सान बन गया।

10. ज्यादा जोखिम लीजिए

असली प्रशन्सा उस व्यक्ति की है जो वास्तव में मैदान में है, जिसका चेहरा पसीने और खून से भरा हुआ है और जो वीरता के साथ कोशिश कर रहा है परन्तु थोड़ी सी कमी के कारण वह अपने लक्ष्य के पास आते आते रह जाता है। उसमें महान उत्साह है, और वह अपना जीवन एक योग्य तरीके से बिता रहा है, जिसे सबसे अच्छी तरह उच्च उपलब्धि की जीत के बारे में जानकारी है और वह यह भी जानता है कि अगर वह हारा तो कम से कम वह महान हिम्मत का प्रदर्शन करके हारेगा जिसकी उन डरपोक व्यक्तियों ने कोशिश भी नहीं की और जो विजय और पराजय दोनो से अनभिज्ञ हैं।

11. हमेशा अपने साथ एक किताब रखिए

‘यू एस न्यूज’ और ‘वर्ल्ड रिपोर्ट’ के अनुसार अपने जीवन की दौड़ में हम आठ महीने अपनी 'जंक मेल’ खोलने में, दो वर्ष फोन की गलत कॉल का जवाब देने में और पाँच वर्ष कतार में खड़े रहने में व्यतीत कर देते हैं। इस आश्चर्यजनक सच्चाई के बाद सबसे साधारण परन्तु बुद्धिमत्ता से समय का सही उपयोग करने का तरीका है कि आप जहाँ भी जाए वहां बिना किसी पुस्तक के न जाएं जब दूसरे लोग कतार में इन्तजार करते हुए असन्तोष प्रकट करते हैं वहीं आप अपने आपको उन्नत करने की प्रक्रिया में लगे होते हैं और अपने दिमाग को उस महान किताब में दिए हुए बहुमूल्य विचारों से पोषण ले रहे होते हैं।

12. अपनी परेशानियों की सूची बनाइए

अपने उन दिमागी कोलाहलों से जो हमारी कठिनाईयों को बढ़ा रहे हैं, से छुटकारा पाने के लिए अपनी सारी कठिनाइयों की एक सूचि बनाइएं। अगर आप ऐसा करते हैं तो वे आपके मन को परेशान नहीं करेंगी और न ही आपको शक्तिहीन बनाएंगी। यह सरल अभ्यास आपको यह भी अनुमति देगा कि अपनी परेशानियों को एक दृष्टिकोण में रखें और उनको तरीके से क्रमानुसार और योजनानुसार सुलझा सकें। अनेक सफल लोग जिन्होने इस पद्धति का प्रयोग किया है उनमे से मार्शल कला के गुरु ब्रूस ली और विन्सटन चर्चिल जैसे लोग भी हैं जिन्होने कहा है, “करीब आधा दर्जन परेशानियाँ जो मुझे चिन्तित कर रही हैं को लिख कर रखना अपने आप में फायदेमन्द साबित होता है। दो समस्याएं अपने आप गायब हो जाती हैं, दो के बारे में कुछ किया नहीं जा सकता और उनके बारे में सोचने का कोई फायदा नहीं है और दो को शायद सुलझाया जा सकता है।”

13. अपने बच्चों को एक उपहार समझिए

बच्चे कितनी जल्दी बड़े होते हैं। ऐसा लगता है कि यह कल की बात है। अपने आप से यह वादा करना बहुत आसान है कि आप बच्चों के साथ ज्यादा समय गुजारेंगे जब आपका कार्य थोड़ा कम हो जाएगा, या जब आपका Promotion होगा, या अगले साल जब आपको थोड़ा और समय मिलेगा। परन्तु अगर आप अपने जीवन की बागडोर अपने हाथ में नहीं लेगे तो जीवन आपके ऊपर हावी हो जाएगा। हफ्तों को महीनों में और महीनों को सालों में बदलते देर नहीं लगती और जब तक आप इसे समझ पाते हैं वह छोटा सा बच्चा एक वयस्क के रुप में स्वंय अपने परिवार के साथ खड़ा मिलता है। सबसे बड़ा तोहफ़ा जो आप अपने बच्चों को दे सकते हैं वह है आपका समय। और सबसे बड़ा उपहार जो आप अपने बच्चों को दे सकते हैं वह है अपने बच्चों को असली रुप में देख कर आनन्द लेना। बच्चे हमारे जीवन की विलक्षण भेंट हैं।

14. प्रश्न पूछने में न हिचकें

“वह व्यक्ति जो प्रश्न पूछता है सिर्फ पांच मिनट के लिए अज्ञानी हो सकता है परन्तु जो नहीं पूछता वह पूरी ज़िन्दगी मूर्ख रहता है।”
आप जितना ज्यादा मांगते हैं उतना ही ज्यादा पाते हैं परन्तु इसका अच्छा अभ्यास करना पड़ता है। सफलता एक आंकड़ों का खेल है। जैसा कि बौद्ध साधुओं का कहना था, “हर वह तीर जो निशाने पर लगता है कम से कम सौ चूके हुए निशानों का परिणाम होता है।” आगे के हफ्तों में अपनी ‘प्रश्नकर्ता मांसपेशियों’ को लचीला बनाइए।

15. 21 का नियम याद रखिए

एक नई आदत को विकसित करने में कम से कम 21 दिन लगते हैं। जब आप 21 दिन को पार कर लेते हैं तब आपको महसूस होगा कि आपको अपनी नई आदत सुविधाजनक लगने लगेगी। थोड़ा समय निकाल कर अपनी निजी आदतों का अध्ययन कीजिए और वादा करिए कि आवश्यक बदलाव लाएंगे। आपके जीवन का महत्व काफी हद तक आपकी आदतें निर्धारित करती हैं। जॉन ड्रायडेन ने लिखा है, “हम पहले आदत का निर्माण करते हैं फिर आदत हमारा निर्माण करती है।” जैसे कि वर्जिनिया वूल्फ ने लिखा है, “आदत का कंकाल ही इन्सान के ढ़ाचे को बनाता है।” अत: पक्का इरादा करिए कि आदतें आपकी बाधा बनने के बजाए आपकी प्रगति में मदद करे।

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